तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रॉजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट (river front) में हुई अनियमितताओं की जांच अब सीबीआई के हवाले की जाएगी।
- बताया जा रहा है कि खन्ना समिति की रिपोर्ट देखने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको हरी झंडी दे दी है।
- बस इसका औपचारिक आदेश होना बाकी है।
- इसके बाद कई अफसरों की भी गर्दन फंसने की उम्मीद है।
- अब इस (river front) परियोजना के भ्रष्टाचार में लिप्त इंजीनियर और अधिकारियों में बेचैनी बढ़ गई है।
ये भी पढ़ें- भाजपा ने की प्रधानमंत्री के भव्य स्वागत की तैयारी!
खन्ना समिति ने रिपोर्ट में सीबीआई जांच की सिफारिश की है
- गोमती रिवर फ्रंट में हुई अनियमितताओं की जांच के लिए नगर विकास विभाग मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में हाई पावर कमिटी बनाई थी।
- योगी सरकार ने रिवर फ्रंट मामले में न्यायिक समिति की जांच के बाद दोषियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए आदेश दिए थे।
- खन्ना समिति ने रिपोर्ट में दोषियों पर कार्रवाई के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
- इसके पहले बनी न्यायिक समिति ने परियोजना से जुड़े जेई, एई, परियोजना अधिकारी, विभाग अध्यक्ष, अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता, प्रमुख सचिव सिंचाई और मुख्य सचिव को दोषी माना था।
- खन्ना समिति ने अपनी रिपिर्ट में कहा कि इस परियोजना में हर स्तर पर पैसे की बंदरबांट हुई है, धन का काफी दुर्पयोग हुआ है।
- ठेके देने में मनमानी की गई और बेहद साठगांठ के साथ काम किया गया।
- ऐसे में इस परियोजना की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
- बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने खन्ना समिति की इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
- हालांकि रिपोर्ट में समिति किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर सकी।
- अब जब जांच सीबीआई के हाथ में होगी तो नेताओं के भी इसके जद में आने की संभावना है।
- माना जा रहा है कि अब परियोजना के कैबिनेट अप्रूवल से लेकर हर आदेश की जांच होगी।
ये भी पढ़ें- योग दिवस के पूर्वाभ्यास पर सीएम योगी पहुंचे रामाबाई अंबेडकर पार्क!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें