उत्तर प्रदेश के कानपुर जिला के नौबस्ता केशव नगर स्थित मदर टेरेसा हायर सेकेेंडरी स्कूल में कविता सुनाते-सुनाते अचेत होकर गिरे पांचवीं के छात्र की हुई मौत का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। छात्र की मौत के बाद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन की वजह से छात्र के मानसिक दबाव में रहने का आरोप लगाया है। परिजनों का आरोप है कि तबीयत खराब होने पर स्कूल वालों ने उसे तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया। उनके आने का इंतजार करते रहे। गाड़ी की भी व्यवस्था नहीं की। जब परिजन आये तो छात्र को हैलट भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मां की तहरीर पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक, डब्लू ब्लॉक केशव नगर निवासी नगर निगम सफाई कर्मचारी अमित गुप्ता का इकलौता बेटा अंशुमित गुप्ता (10) पांचवीं में पढ़ता था। मामा मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को अंशुमित की अंग्रेजी की मौखिक परीक्षा थी। सुबह करीब 11:30 बजे क्लास टीचर ममता सिंह उससे कविता सुन रही थीं। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक इसी दौरान अंशुमित अचानक बेहोश होकर गिर गया। शिक्षिका ने उसे उठाने की कोशिश की। स्कूल कार्यालय को सूचना देकर उसे बेंच पर लिटाया गया। थोड़ी देर बाद फोन करके उसे घर वालों को सूचना दी गई।
बदहवास हालत में मां अनुसुइया रिश्तेदार के साथ स्कूल पहुंचीं। सूचना पर अंशुमित की मां अनुसुइया उर्फ अंशु पास में रहने वाले अपने भांजे एकांतर के साथ स्कूल पहुंचीं। दोनों अंशुमित को लेकर पहले रमाशिव फिर रीजेंसी अस्पताल पहुंचे। यहां से छात्र को हैलट रेफर कर दिया गया। सर्वोदय नगर स्थित अस्पताल ले गए, जहां जवाब दे दिया गया। हैलट के डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। इसके बाद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। अनुसुइया ने स्वरूप नगर में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ तहरीर दी। नौबस्ता थाना प्रभारी समर बहादुर सिंह के मुताबिक अनुसुइया की तहरीर पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]500 मीटर दूरी पर था बच्चे का घर, फिर भी देर से दी सूचना [/penci_blockquote]
स्कूल के मैनेजर इमैनुअल सिंह का कहना है कि अंशुमित की तबीयत खराब होने पर फौरन स्कूल से घर सूचना दी गई। 500 मीटर दूरी पर बच्चे का घर था। घरवाले पांच मिनट में आ गए। कोई देरी नहीं हुई। परिजन पड़ोस के एक अस्पताल ले गए थे। बच्चा पहले से बीमार था बच्चा फेफड़े और गुर्दे की बीमारी से पीड़ित था। छात्र की मां ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि बेटा स्कूल प्रबंधन द्वारा मानसिक दबाव में था। उन्होंने प्रबंधन से व्यवहार में नरमी लाने की गुजारिश की थी। प्रताड़ना से बच्चे की मौत हुई है। छात्र के परिजनों का आरोप है कि उन्हें देर से सूचना दी गई।
बच्चे को अस्पताल नहीं पहुंचाकर घरवालों का इंतजार किया गया। अगर समय से अस्पताल पहुंचाया जाता तो जान बच सकती थी। स्कूल प्रबंधन ने वाहन तक नहीं उपलब्ध कराया। परिजनों का आरोप है कि स्कूल वालों के दबाव के चलते छात्र की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई। इस पर मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सक डॉ. धनंजय चौधरी का कहना है कि इस तरह दबाव के चलते किसी बच्चे की मौत आमतौर पर हो नहीं सकती। न ही अब तक ऐसा मामला संज्ञान में आया है। हो सकता है छात्र को कोई बीमारी हो या हार्टअटैक पड़ा हो। सही स्थिति पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]काफी मेधावी छात्र था अंशुमित [/penci_blockquote]
मदर टेरेसा हायर सेकेेंडरी स्कूल केशव नगर की प्रिंसिपल रेनू सिंह ने बताया कि स्कूल में प्लेग्रुप से पढ़ रहा अंशुमित काफी मेधावी था। क्लास रूम में मौखिक परीक्षा के दौरान कविता सुनाते समय उसे चक्कर आया और वह बेहोश होकर गिर गया। क्लास टीचर ने तुरंत स्कूल प्रबंधन को और दोपहर 12:08 पर छात्र के परिजनों को सूचना दी। 12:13 पर अंशुमित की मां स्कूल पहुंच भी गईं। इसके बाद वे लोग बच्चे को लेकर अस्पताल चले गए। दोपहर करीब 2:30 बजे उन्हें बच्चे की मौत की खबर मिली। स्कूल प्रबंधन या किसी टीचर ने अंशुमित के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया और न ही कोई दबाव था। बच्चे की किडनी और लीवर में इन्फेक्शन होने की बात पता चली है।
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