- जिले के शुकुल बाजार विकासखण्ड अन्तर्गत एक दर्जन से अधिक पंचायतों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार का लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी लोगों को पीने को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है।
- जिले में स्वच्छ पेय जल योजना के अंर्तगत मिलने वाले पैकेज की राशि से जिस तरह से सरकारी दावे के अनुरूप कार्य हुए,
- उससे लगता है कि जिले का हर इलाका पानीदार होगा।
- लेकिन इसके उलट स्वच्छ पानी के लिए शुकुल बाजार में त्राहि-त्राहि मची हुई है।
- सरकार ने लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसा तो बहाया,
- लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
10 वर्षो से है ‘आस’, नहीं बुझ रही ‘प्यास’
- जिले में लाखों व्यय के बावजूद लोगों की प्यास नहीं बुझ पा रही है।
- अमेठी के विकास खंड शुकुल बाजार में जल निगम द्वारा 1985 में स्थापित पानी की टंकी जो करीब 1000 किलोलीटर पानी क्षमता रखने में सक्षम है।
- लगभग 25 किलोमीटर के रेंज में स्वच्छ पेय जलापूर्ति के लिए जल मीनार निर्माण कराया गया था।
- साथ ही आसपास के मोहल्लों व घरों में कनेक्शन भी दिया गया था।
- ग्रामीण बताते हैं कि कुछ वर्षों तक तो जलापूर्ति की गयी।
- लेकिन करीब 10 वर्षों से हमारे घरों तक पानी नहीं पहुंचा फिर सब कुछ भूला दिया गया।
- हम लोग आज भी आर्सेनिक युक्त पानी पीने को विवश हैं।
- शिकायत करने पर विभागीय अधिकारी कोई न कोई बहाना बना पल्ला झाड़ लेते हैं।
- स्थिति यह है कि जगह-जगह पाइप भी फट गया है इससे लोगों में काफी आक्रोश है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.