पानी की तरह बहा पैसा फिर भी नहीं बुझ रही ‘अमेठी’ की प्यास, 10 सालों से है ‘आस’!
Sudhir Kumar
जिले के शुकुल बाजार विकासखण्ड अन्तर्गत एक दर्जन से अधिक पंचायतों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार का लाखों रूपए खर्च होने के बाद भी लोगों को पीने को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है।
जिले में स्वच्छ पेय जल योजना के अंर्तगत मिलने वाले पैकेज की राशि से जिस तरह से सरकारी दावे के अनुरूप कार्य हुए,
उससे लगता है कि जिले का हर इलाका पानीदार होगा।
लेकिन इसके उलट स्वच्छ पानी के लिए शुकुल बाजार में त्राहि-त्राहि मची हुई है।
सरकार ने लोगों को पेयजल मुहैया कराने के लिए पानी की तरह पैसा तो बहाया,
लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के चलते योजनाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका।
10 वर्षो से है ‘आस’, नहीं बुझ रही ‘प्यास’
जिले में लाखों व्यय के बावजूद लोगों की प्यास नहीं बुझ पा रही है।
अमेठी के विकास खंड शुकुल बाजार में जल निगम द्वारा 1985 में स्थापित पानी की टंकी जो करीब 1000 किलोलीटर पानी क्षमता रखने में सक्षम है।
लगभग 25 किलोमीटर के रेंज में स्वच्छ पेय जलापूर्ति के लिए जल मीनार निर्माण कराया गया था।
साथ ही आसपास के मोहल्लों व घरों में कनेक्शन भी दिया गया था।
ग्रामीण बताते हैं कि कुछ वर्षों तक तो जलापूर्ति की गयी।
लेकिन करीब 10 वर्षों से हमारे घरों तक पानी नहीं पहुंचा फिर सब कुछ भूला दिया गया।
हम लोग आज भी आर्सेनिक युक्त पानी पीने को विवश हैं।
शिकायत करने पर विभागीय अधिकारी कोई न कोई बहाना बना पल्ला झाड़ लेते हैं।
स्थिति यह है कि जगह-जगह पाइप भी फट गया है इससे लोगों में काफी आक्रोश है।