केंद्र सरकार वृन्दावन की एक हजार विधवाओं के लिए घर बनाएगी। इसके लिए 57 करोड़ का बजट रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पीआईएल पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। यह घर दिसम्बर 2017 तक बनकर तैयार हो जायेंगे।
एनजीओ ने दाखिल की थी पीआईएल:
- एक लोकल एनजीओ ने विधवाओं की दयनीय हालत पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी।
- जस्टिस मदन बी. लोकुर और एन वी रमाना बेंच ने सरकार से विधवाओं को पर्याप्त घर उपलब्ध कराने को कहा, इसके साथ ही 1 जनवरी के हिसाब से मंथली ग्रांट को भी बढ़ाने को कहा गया है। यानी 1300 से 5100 रुपये होगा अब मंथली ग्रांट
- इसके तहत केंद्र सरकार ने 57 करोड़ का बजट रखा है।
- दिसम्बर 2017 तक तैयार हो जायेंगे मकान।
- हर साल 4 करोड़ रुपये रख-रखाव के लिए भी दिए जायेंगे।
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वृन्दावन की विधवाओं को राहत देने के बाद उत्तर प्रदेश के दूसरे शहरों और पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और उत्तराखंड की विधवाओं को राहत देने की तैयारी कर रहा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कमीशन फॉर वीमेन से इन राज्यों में विधवाओं की स्थिति की विस्तृत जानकारी मांगी है।
- वृन्दावन के जिन 5 घरों का नवीनीकरण होना है, उनमें से 3 घरों का खर्च केंद्र सरकार और 2 घरों का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।