राजधानी में 21 व 22 फरवरी को होने वाली यूपी इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर राज्य सरकार को अब तक तकरीबन ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। इनमें 725 से अधिक एमओयू (मेमोरंडम आफ अंडरस्टैंडिंग) शामिल हैं। यह सरकार की ओर से निवेश जुटाने के लिए तय किये गए पांच साल के लक्ष्य का आधा है। आज एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीइओ व निदेशक माइक च्यू और मुख्य वित्तीय अधिकारी संजय गुप्ता शाम को मुख्यमंत्री से मिलेगें। एयर इंडिया सैट्स एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड सिंगापुर स्थित सैट्स और एयर इंडिया का संयुक्त उपक्रम है। कंपनी प्रदेश में कागरे एयरपोर्ट की स्थापना को इच्छुक है।
प्रस्तावों की निगरानी खुद कर रहे सीएम योगी आदित्यनाथ, पढ़ें अगले पेज पर पूरी खबर :-
निवेश प्रस्तावों को हकीकत में तब्दील करने के बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। माना जा रहा है कि निवेश प्रस्तावों को अमली जामा पहनाने के बारे में सरकार एक क्रियान्वयन कमेटी गठित कर सकती है। इस सिलसिले में जिलाधिकारियों के अधिकारों में भी इजाफा हो सकता है। निवेश प्रस्तावों की निगरानी खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं। इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों से जुड़े अफसरों के साथ अब तक वह चार बैठकें कर चुके हैं। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ.अनूप चंद्र पांडेय से वह रोज निवेश प्रस्तावों और समिट की तैयारियों की प्रगति की रिपोर्ट लेते हैं।
अब तक ढाई लाख करोड़ का प्रस्ताव
निवेश जुटाने के लिए पिछली सरकारों ने भी इन्वेस्टर्स मीट आयोजित की थीं। इनकी चर्चा भी खूब हुई, निवेश प्रस्ताव भी आए पर इनमें से अधिकांश पर अमल नहीं हो पाया। इसलिए योगी सरकार का जोर इस बात पर है कि निवेशकों से मिलने वाले निवेश प्रस्तावों पर अमल जरूर हो। इसके लिए पहली बार एक क्रियान्वयन कमेटी बनाने की योजना है। राज्य सरकार को अब तक तकरीबन ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। कमेटी से जुड़े अधिकारियों के पास निवेशकों के प्रस्ताव और उनकी प्रगति का अद्यतन ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। निवेशकों को जहां समस्या आएगी, कमेटी के अधिकारी वहां तालमेल स्थापित कर उसे हल कराएंगे। निवेशकों की समस्याएं स्थानीय स्तर पर भी हल हो सकें, इसके लिए जिलाधिकारियों को कुछ अतिरिक्त अधिकार भी दिये जा सकते हैं।