चेयरमैन ने कौड़ियों के दाम बेची करोडों की भूमि. कस्बे के सभासदों ने जिलाधिकारी के नाम शिकायती पत्र भेज मामले की जांच व कार्रवाई कराने की मांग की है. दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर एक व्यक्ति के नाम की भूमि के साथ नगर पंचायत की भूमि भी बेचने का आरोप.
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]चेयरमैन पर लगा करोड़ों की भूमि को कौड़ियों के दाम बेचने का आरोप[/penci_blockquote]
थानाभवन नगर पंचायत की ओर से दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर करोडों रूपयों की भूमि को तितारसी गांव के एक पूर्व प्रधान को कौड़ियों के दाम बेचने का मामला सामने आया है।
इस मामले में सभासदों ने जिलाधिकारी के नाम शिकायती पत्र भेजते हुए मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने की मांग की है
कस्बे के वार्ड नंबर 17 के सभासद महबूब ने जिलाधिकारी के नाम शिकायत भेजते हुए बताया कि कस्बे के समीप दिल्ली-सहारनपुर हाइवे नगर पंचायत की करीब एक हजार गज भूमि पड़ी है। उसी के समीप कस्बे के मोहल्ला रोगनग्रान निवासी सुखबीर पुत्र मुसददी की भी भूमि है।
उन्होंने बताया कि तितारसी गांव निवासी एक पूर्व प्रधान सालों से सुखबीर की भूमि खरीदने के साथ नगर पंचायत की भूमि भी हड़पने का प्रयास कर रहा था, लेकिन कस्बे के पूर्व चेयरमैन ने इस भूमि का दाखिल खारिज करने से इन्कार कर दिया था।
नगर पंचायत की भूमि भी बेच दी:
आरोप है कि करीब दो माह पहले चेयरमैन ने उक्त व्यक्ति के नाम सुखबीर की भूमि का दाखिल खारिज कर दिया और सुखबीर की भूमि के साथ ही नगर पंचायत की करीब एक हजार गज भूमि का भी दाखिल खारिज कर दिया। इससे नगर पंचायत की करोड़ों रूपयों की भूमि को खुर्द-बुर्द कर दिया।
सभासद ने बताया कि पहले इस संबंध में जिलाधिकारी को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है, यदि बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हुई तो वह मुख्यमंत्री को मामले की शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग करेंगे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सरकार के अभियान को ठेंगा[/penci_blockquote]
हैरत की बात ये है कि गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश राणा ने तालाब बूढाबाबू के सौंदर्यीकरण के लिए योजना तैयार की है, जिसका 36 लाख रूपये नगर पंचायत को भेजे जा चुके हैं।
तालाब पौराणिक होने के कारण यहां लोगों की अटूट श्रद्धा है, बावजूद इसके नगर पंचायत इस भूमि पर भूमाफियाओ के साथ मिलकर चाँदी काटने में लगी है।
नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी और चेयरमैन की मिली भगत के बिना प्लाट का दाखिल ख़ारिज होना सम्भव नहीं है।
प्लाट धारक पिछले कई वर्षो से लगातार प्लाट का दाखिल ख़ारिज करवाने की जुगत में लगा था। गुप चुप किये गए इस दाखिल ख़ारिज वार्ड सभाषद को भी नहीं होना संदेह की पुस्टि करता है।
सरकारी भूमि को एक निजी व्यक्ति को बेच डाला:
चेयरमैन सालों से कस्बे में नगर पंचायत की भूमि को बेचने का काम कर रहे हैं। अब फिर से करोडों रूपयों की लागत की सरकारी भूमि को एक निजी व्यक्ति को बेच डाला।
हम इस संबंध में निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग करते हैं।
एक तरफ तो गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश राणा क्षेत्र में एंटी भू-माफिया अभियान चलाने के दावे करते हैं और दूसरी तरफ उनके ही क्षेत्र में सरकारी भूमि के नाम पर गबन का खेल चल रहा है।
चेयरमैन ने पहले भी बड़ी सफाई से ऐसे काम को अंजाम दिया है।
चेयरमैन का नगरपंचायत में भी दखल खत्म होना चाहिए। उन्हें मामले की जांच कराकर दोशियों के खिलाफ कार्रवाई करानी चाहिए।
यदि दाखिल खारिज गलत तरीके से कराया गया हैं तो पहले इस मामले की पूरी जांच की जाएगी।
साथ ही यदि जांच के दौरान लापरवाही उजागर होती है तो मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में लाकर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शामली से संवाददाता आकाश मलिक की रिपोर्ट
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