उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा के दौरान हिंसा में चंदन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता निवासी साहब वाला पेच की हत्या और हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी का कनेक्शन सामने आया है। चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में जिस शूटर वसीम जावेद का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि उसका समाजवादी पार्टी से गहरा जुड़ाव है, उसका समाजवादी पार्टी के शासनकाल में काफी दबदबा था। उसे कुछ स्थानीय समाजवादी पार्टी के नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। इस संबंध में जांच एजेंसियां शासन को पल-पल का अपडेट दे रही हैं।

बता दें कि कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता के शूटर वसीम जावेद समेत हत्या में नामजद दर्जनभर आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई होगी। मुख्य आरोपी वसीम की गिरफ्तारी अभी नहीं हो पाई है। उसके घर से पुलिस को एक एलबम मिली है, जिसमें फोटो के जरिए उसके संपर्क सूत्र तलाशे जा रहे हैं। पुलिस ने चंदन गुप्ता को गोली मारने वाले मुख्य आरोपी वसीम पर शिकंजा कसने की तैयारी पुलिस ने कर ली है। उसके घर पर दबिश के दौरान कई ऐसी जानकारियां पुलिस को मिलीं, जिनसे उसके आपराधिक इतिहास का भी पता चल रहा है।

वसीम का परिवार वर्की कपड़े वालों के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य आरोपी तीन भाई हैं। उन सभी का रिकार्ड पुलिस खंगाल रही है। गौरतलब है कि 28 जनवरी को आइजी के नेतृत्व में मुख्य आरोपी के घर पर पुलिस ने दबिश दी थी। तलाशी के दौरान अवैध पिस्टल मिली थी। अवैध हथियार मिलने से आरोपी की फितरत का पुलिस को पता चला है। उसके घर से मिली एलबम में एक-एक फोटो खंगाला जा रहा है, जिसमें यह देखा जा रहा है कि आरोपी के संबंध किन लोगों से हैं और किस स्तर के हैं।

पुलिस जांच कर रही है कि दोस्तों में से किसी का कोई क्रिमिनल रिकार्ड तो नहीं। यह भी पता किया जा रहा है वसीम की रिश्तेदारियां कहां हैं और वह कहां छिप सकता है। चंदन की हत्या में 20 लोग नामजद हैं। हत्या के लिए इनमें से दर्जनभर लोगों को जांच एजेंसियां सीधे जिम्मेदार ठहरा रही हैं। इन्हीं लोगों पर रासुका की कार्रवाई होगी। शासन की तरफ से बार-बार बड़ी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। इस बड़ी कार्रवाई में एनएसए भी शामिल है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के कासगंज जिला में हुई हिंसा के मामले पुलिस ने अब तक 49 दंगाइयों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। इनमें दंगा फैलाने के मामले में 39 और हत्या के केस में 10 गिरफ्तारियां बताई जा रही हैं। हिंसा को देखते हुए कासगंज जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गईं थीं। कासगंज जिले में गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने के साथ ही धारा 144 लगाई जा चुकी है।

हालांकि अभी तक की अपडेट के मुताबिक, स्थानीय लोगों सहित किन्नरों ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किन्नरों का आरोप है कि पुलिस उनके गुरु को उठा ले गई। उन्हें गुरु से मिलवाया भी नहीं गया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि बिना महिला पुलिस के साथ पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी की और बच्चों को पूछताछ के लिए उठा ले गई। बच्चों का कोई दोष नहीं है फिर भी उन्हें 5 दिनों से थाने में बैठाया गया है। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोते समय महिलाओं से भी अभद्रता की और उनके साथ गंदी हरकतें भी की। हालांकि पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

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