चंदौली जिले में शिक्षामित्रों ने आज काला दिवस मनाया और अपने दिवंगत साथियों को कैंडल मार्च निकालकर और मुंडन कराकर श्रद्धांजलि अर्पित की । दरअसल आज ही के दिन 25 जुलाई 2017 को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी के 1,72,000 शिक्षामित्रों को अयोग्य घोषित किया था । इस फैसले के बाद अब तक पूरे यूपी में 500 से अधिक शिक्षामित्र काल के गाल में समा चुके हैं । शिक्षामित्रों ने सभा करके अपने साथियों को श्रद्धांजलि दी.
चंदौली के 4 शिक्षामित्र मौत को लगा चुके है गले:
चंदौली जिले में 1648 शिक्षामित्र तैनात है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले में 4 शिक्षामित्र मौत गले लगा चुके हैं । सूबे में आज अपने दिवंगत साथियो को श्रद्धांजलि देने के लिए लगभग 500 शिक्षामित्र इकट्ठे हुए। सदर ब्लाक परिसर मे अपने दिवंगत शिक्षामित्र साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सभा का भी आयोजन किया गया.
कैंडल ले किया मुख्यालय का भ्रमण:
महिला पुरुष शिक्षामित्र हाथों में कैंडल लेकर पूरे मुख्यालय का भ्रमण करते हुए वापस सदर ब्लाक में आए और यहां दर्जनों शिक्षामित्रों ने अपना बाल मुंडवा कर सूबे की योगी सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त किया । सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बीते 1 साल में जिले के 4 शिक्षामित्र फैसले से सदमे में आकर मौत को गले लगा चुके हैं ।
समान कार्य, समान वेतन प्रणाली हो लागू:
शिक्षामित्रों की मांग है कि जैसे अन्य राज्यों में समान कार्य, समान वेतन प्रणाली लागू है और संविदा पर तैनात कर्मचारियों को उनका हक दिया गया है. उसी तरह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी समान कार्य, समान वेतन लागू करके उचित सम्मान दें । सरकार के इस रवैया के कारण हम शिक्षामित्र हताशा और निराशा में जीवन जी रहे है. हमारा भविष्य अब अंधकार मय हो गया है । हम योगी सरकार से मांग करते हैं की वह जल्द से जल्द समान काम समान वेतन लागू कर हम शिक्षा मित्रों को उनका हक लौटाने का कार्य करें ।