एक तरफ जहां बीजेपी की राज्य और केंद्र सरकार ने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रखने में सफलता हासिल की है. वही केंद्र की मोदी सरकार और उसका रेल मंत्रालय 4 साल में रेल यात्रियों के मूलभूत सुविधाओं में सुधार करने में नाकाम रहा है.

अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस का हुआ एसी खराब:

पिछले 10 दिन से लगातार किसी न किसी ट्रेन में एसी खराब होने की शिकायत को लेकर यात्री मुगलसराय स्टेशन पर ट्रेन रोककर जमकर हंगामा कर रहे हैं. लेकिन इस मामले में कोई सुधार होता नहीं दिख रहा है.
बड़ी बात यह है कि मेल एक्सप्रेस ट्रेनों को बैलगाड़ी की तरह चलाया जा रहा है और मालगाड़ी को आगे निकालने के चक्कर में इन ट्रेनों को जहाँ तहँ रोक दिया जा रहा है.
इस वजह से ट्रेन के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को बद से बद्दतर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
ताज़ा मामला 13050 अमृतसर हावड़ा एक्सप्रेस का है. जिसके सभी एसी कोच के AC लखनऊ से ही काम करना बंद कर चुके थे. लखनऊ में यात्रियों ने कोच अटेंडेंट और स्टेशन पर मामले की शिकायत की. लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई और 7 घंटे बाद जब ट्रेन मुगलसराय स्टेशन पहुंची तो यात्रियों का गुस्सा फुट पड़ा.

मुगलसराय स्टेशन पर यात्रियों ने किया हंगामा:

उन्होंने स्टेशन पर जमकर हंगामा काटा. यहां तक कि रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की है.
बता दें कि इस बीच एसी कोच में यात्रा कर रहे बच्चो और महिलाओं की स्थिति खराब होने लगी. यहाँ तक की कई बच्चो को उल्टी तह होने लगी.
बदइंतजामी का आलम ये रहा की मुगलसराय स्टेशन पर एक घंटे से अधिक समय तक हंगामा चलता रहा, लेकिन मुगलसराय रेल डिवीजन का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही उल्टी दस्त से परेशान बच्चों का इलाज के लिए मेडिकल टीम ही पहुंच पाई.
मौके पर आरपीएफ जीआरपी के द्वारा यात्रियों के मान मनव्वल का दौर जारी रहा. अंततः कोई मदद न मिलती देख यात्री खुद ही ट्रेन में सवार हो गए और ट्रेन हावड़ा के लिए रवाना हो गई.

रेल मंत्रालय को बताया गैरजिम्म्मेदार:

यात्रियों ने इस पूरे मामले में रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है. यात्रियों का आरोप है की लखनऊ से ही एसी ख़राब है. शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही. यहाँ तक की रेल मंत्री को ट्वीट किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हम पैसे देकर यात्रा कर रहे हैं तो हमे सभी सुविधाएं मिलनी चाहिये.
यात्रियों ने इस दुर्व्यवस्था के लिए रेल मंत्रालय को जिम्मेदार ठहराया है.
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