वाराणसी जिले के बाबतपुर सारनाथ होते हुए चंदौली तक बन रहे रिंग रोड परियोजना से प्रभावित मुगलसराय तहसील के आधा दर्जन किसान उचित मुआवजा न मिलने के कारण उग्र हो गए हैं.
मुआवजा देने में भेदभाव का आरोप:
इस मामले में 2 हफ्ते पहले जमीन अधिग्रहण को पहुंची जिला प्रशासन की टीम को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था और जमीन अधिग्रहण करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम बड़ी-बड़ी मशीनों और लाव लश्कर के साथ बैरंग वापस लौट गई थी.
मुआवजा मिलने में भेदभाव को लेकर प्रभावित किसान लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज किसानों ने मुगलसराय तहसील के पचपेड़वा से तारापुर गांव तक पदयात्रा निकाली और तारापुर गांव में सभा कर अपना गुस्सा जाहिर किया.
यह पदयात्रा लगभग आधा दर्जन गांव से होकर गुजरी. प्रभावित किसानों की मांग है कि रिंग रोड परियोजना के तहत जो किसान प्रभावित हो रहा है, उसे समान मुआवजा मिले. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार प्रभावित किसानों को मुआवजा देने में भेदभाव कर रही हैं.
किसानों ने की उचित मुआवजे की मांग:
गौरतलब हैं कि एक तरफ नेशनल हाईवे 2 में जो जमीन अधिग्रहित हुई है, उसमे प्रभावित किसान को 14 लाख रुपया बिस्वा मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि उसी नंबर की जमीन को यूपी सरकार रिंग रोड परियोजना में अधिग्रहण के एवज में दो लाख दस हजार प्रति बिस्वा दे रही है.
किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानो के साथ अन्याय कर रही है. किसानों के एकमात्र आजीविका का साधन यही खेत है. यह खेत ही नहीं रहेगा तो वह अपने परिवार का लालन पालन कैसे करेंगे.
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार किसानों को उचित मुआवजा नहीं देगी तो उनके परिवार और बच्चों का भविष्य कैसा होगा. किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे है लेकिन शासन व जिला प्रशासन इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहा है.
बौद्ध सर्किट परियोजना के तहत बननी हैं रिंग रोड:
बता दें यह रिंग रोड परियोजना बौद्ध सर्किट के अंतर्गत बनाई जा रही है. वाराणसी में स्थित बाबतपुर एयरपोर्ट को सीधे चंदौली जिले में नैशनल हाईवे दो से जोड़ने के लिए इस रिंग रोड का निर्माण चल रहा है. शासन व जिला प्रशासन का यही रवैया रहा तो पिछले दो महीनों से रिंग रोड के लिए ज़मींन अधिग्रहण अटका हुआ काम भविष्य में अटका हुआ नजर आएगा.
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