राष्ट्रीय लोकदल पार्टी जिसके संस्थापक चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे और वर्तमान में राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश की राजनीती में जमकर उठापटक मचाई, हर पार्टी के साथ जोड़तोड़ करने वाली आरएलडी वर्तमान में अपने वजूद को तरस रही है. यहां तक विधानसभा में चुनाव में पार्टी को सिर्फ 1 सीट व 1 % वोट भी नही हासिल हुआ.
अपने वजूद को तरस रही आरएलडी
राष्ट्रीय लोकदल जिसके संस्थापक चौधरी चरण सिंह देश के प्रधानमंत्री रहे है, और वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत सिंह ने उत्तर प्रदेश की राजनीती में जमकर उठापटक मचाई, हर पार्टी के साथ जोड़तोड़ करने वाली आरएलडी वर्तमान में अपने वजूद को तरस रही है, विधानसभा चुनाव में 1 सीट पर सिमटी आरएलडी 1 % वोट भी नहीं हासिल कर सकी. आरएलडी की हालत उसके कार्यालय से ही पता चलती है.
आरएलडी कार्यालय का नल खराब, जो कि पार्टी का चुनाव चिन्ह हैं
अारएलडी कार्यालय की दशा इतनी खराब हैं कि पार्टी का चुनाव चिंह नल हैं जो पार्टी कार्यालय का खराब पड़ा हैं, इससे साफ पता चलता हैं कि पार्टी की हालत किस स्थित में हैं. जहां बदहाली का आलम तो यह है कि आरएलडी का नल भी खुद नहीं चल पा रहा है, उसे ईंट के सहारे की जरुरत है. मतलब साफ है कि राष्ट्रीय लोकदल का कार्यालय और पार्टी दोनों बिना किसी के समर्थन नहीं चल पा रहे है. आरएलडी का चुनाव निशान नल है, लेकिन आरएलडी के अपने ही कार्यालय में जो नल लगे हैं वो ख़राब पड़े हैं. कार्यालय के नलों में या तो पानी नहीं आता और आता है, तो बंद नही होता.
वजूद को तरसती आरएलडी
बिजली-पानी को लेकर किसानों के लिए लड़ने वाली राष्ट्रीय लोकदल आज अपने ही कार्यालय में पानी, इस तरह बर्बाद कर रही है. अब ऐसे में कैसे सुधरेंगे आरएलडी के हालात? क्या जयंत सिंह, और अजीत सिंह पार्टी में उत्साह जगा पाएंगे या वजूद खोती राष्ट्रीय लोकदल इतिहास बनकर रह जायेगी? यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.
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