मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में एक छात्र ने पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। पीएचडी कर रहे छात्र के आरोपों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन कटघरे में खड़ा हो गया है।
- मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वधालय से पीएचडी कर रहे छात्र शुशांत राजपूत ने बुधवार को मीडिया को कुछ दस्तावेज़ दिखते हुए चौधरी चरण सिंह विश्विधालय के तत्कालीन वीसी विक्रम चंद्र गोयल और उनके साथ कई लोगों पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धंधी का आरोप लगाया।
- सुशांत ने कहा कि 2016 में हुए एंट्रेंस एग्जाम में टोटल 27 सीटें थी।
- लेकिन इन सीटों में 10 प्रतिशत 2.7 कोटा था।
- जिनमें 3 सीटें थी, लेकिन उनमें 13 सेना के लोगों को दे दी गईं।
- इतना ही नहीं, दूसरी लिस्ट रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट में अपने नोटिफिकेशन में ज़ीरो सीट दर्शाया और 40 फॉर्म एक्सेप्ट किया।
- जिनमें से भी 10 लोगों को एडमिशन दे दिया।
- जो छात्र पिछले 18 सालों से एमफिल करके तैयारियां कर रहे हैं।
- उनको दरकिनार कर दिया गया।
- इसके अलावा तीन एससी सीटों पर जनरल कैटगरी के लोगों को एडमिशन देने की बात की गई।
- लेकिन उसमें भी एक भी जनरल नहीं लिया गया।
- इसके अलावा आठ आर्मी ऑफिसर ने एमफिल की ही नहीं है।
- उसके बाद पीएचडी में एडमिशन दे दिया गया।
- यानी पूरी तरह से फर्जी एडमिशन कर लिया गया है।
छात्र ने कहा हमारी जान को खतरा
- अब आरोपकर्ता ने अपनी जान का खतरा बतया है।
- उन्होंने कहा है मेरे कदम उठाने से कई लोगों के एडमिशन निरस्त होगा और शिक्षा माफिया जान से मार सकते हैं।
- अब शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट जाने के साथ-साथ सीएमपीएम के पास जाने की बात की।
- अगर फिर भी न्याय नहीं मिला तो अपनी तलवार लेकर न्याय लेने की बात की।
- हालांकि जो प्रमाण शुशांत राजपूत ने दिए हैं, उनकी जिम्मेदारी हम नहीं लेते है।
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