यूपी के गोंडा जिला में प्रधानमंत्री ने एक चुनावी जनसभा में कहा था कि यहां नकल का टेंडर उठता है प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद यह उम्मीद जगी भी थी कि प्रधानमंत्री ने गोंडा के बारे में जो कहा था उस पर रोक लगेगी लेकिन हुआ कुछ इसका उल्टा ही। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षाओं में जहां एक तरफ पेपर आउट हो गया था। वहीं इसी के समकक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद में होने वाली परीक्षाओं में जमकर नकल हो रही है। कक्ष निरीक्षक केंद्र व्यवस्थापक परीक्षार्थियों को खड़े होकर नकल करा रहे हैं या कह लें कि मूकदर्शक बने हुए हैं। इस बोर्ड की वैधता भारत के अन्य बोर्डों के समकक्ष है। गोंडा के ऐसे ही एक परीक्षा केंद्र का हमने जायजा लिया है। आइए दिखाते हैं इस परीक्षा केंद्र पर होने वाली परीक्षा की असलियत क्या है।
परीक्षार्थी मोबाइल और गाइड से दे रहे थे परीक्षाएं
ये है गोंडा का श्री गणेश माध्यमिक संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जहां पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षाएं हो रही है। हम जब यहां पर पहुंचे तो कैमरे के सामने आते ही उथल-पुथल की स्थिति बन गई। यहां पर मोबाइल और गाइड के सहारे परीक्षार्थी परीक्षाएं दे रहे थे। कैमरे को सामने देखकर लोग गाइड पीछे फेंकने लगे वही बाहर के लोग भी दूसरों की कापियां लिख रहे थे।
सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षाओं की खुली पोल
जब उनसे कॉपी के बारे में पूछा गया तो वे उनसे कापियां मांगते हुए कैमरे में कैद हो गए। यह स्थिति तब है जब यह परीक्षाएं भी सीसीटीवी की निगरानी में कराने के निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश द्विवेदी का कहना है कि हमने तो सारी व्यवस्था की थी। लेकिन कुछ लोग चोरी छुपे ले आते हैं फिलहाल विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश द्विवेदी का यह बयान मजाकिया सा लगता है।
विद्यालय हुआ ब्लैक लिस्टेड, केंद्र व्यवस्थापक हटाया गया
वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक सत्य प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि यह स्थिति अत्यंत खेद जनक है। हमने भी कई सेंटर चेक किए हैं। इस विद्यालय को काली सूची में डाला जा रहा है और केंद्र व्यवस्थापक हटाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद जिसकी डिग्रियों की वैधता भारत के समस्त बोर्ड के समकक्ष है। उसकी होने वाली परीक्षाओं की स्थिति इतनी बद से बदतर होगी ऐसा रियल्टी चेक करने से पहले नहीं सोचा था। रियलिटी चेक करने के बाद जो स्थिति उभरकर सामने आई है वह उत्तर प्रदेश सरकार के पैरों तले जमीन खिसक आने के लिए काफी है अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार कितने ठोस कदम उठाती है।