उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि प्रदेश सरकार को केन्द्र सरकार की तरफ से कम से कम छ माह तक सूखाग्रस्त जनपदों के निवासियों के लिए अरहर और खाद्य तेल सहित खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहायता दी जायें। श्री यादव ने यह भी अनुरोध किया है कि खाद्य तेल उपलब्ध कराना सम्भव न होने की स्थिति में विकल्प के तौर पर 02 किग्रा0 सरसों /तिल प्रति परिवार प्रतिमाह आवंटित करने के लिए लगभग 38 हजार मीट्रिक टन सरसों/तिल सब्सिडाइज्ड दर पर जल्द से जल्द आवन्टित करने पर विचार किया जाये। इससे प्रदेश के 50 सूखाग्रस्त जनपदों की जनसंख्या को विषम परिस्थितियों से बाहर आने में मदद मिलेगी।
- मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत इस सामग्री पर आने वाला व्यय भार राज्य सरकार के लिए वहन करना सम्भव नहीं है।
- अखिलेश यादव ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि प्रदेश में वर्तमान वर्ष में सूखे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल में कम वर्षा के बाद लगातार दूसरा वर्ष ऐसा है, जिसमें कृषकों के समक्ष सूखे की विषम स्थिति है।
- सूखे की वजह से गरीब लोगों के सम्मुख खाने-पीने की समस्या के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ने की आशंका है।
- राज्य के 75 जनपदों में से 50 जनपद जिसमें बुन्देलखण्ड के सभी जनपद सम्मिलित हैं, सूखाग्रस्त हैं। इनमें लगभग 28 लाख बेहद गरीब हैं।
- मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि सूखाग्रस्त जनपदों के निवासियों को प्रोटीन भी मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने यह तय किया है कि सूखाग्रस्त जनपदों के समस्त परिवारों के लिए 2 किलोग्राम अरहर दाल तथा 1 किलोग्राम खाद्य तेल प्रति परिवार प्रतिमाह वितरित कराया जाए।