उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘लखनऊ मेट्रो’ की पहली मेट्रो का ट्रॉयल एक दिसंबर 2016 को होना है। इसकी तैयारियां तो जोरों पर चल रहीं हैं। वहीं मेट्रो के कर्मचारी साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रख रहे हैं। इसी के चलते सोमवार को हुसैनगंज इलाके में सफाई अभियान चलाया गया। इसके तहर कार्यकर्ताओं ने सड़क को पानी से धुला। बता दें कि पहली मेट्रो ट्रेनों की सभी चार कारों को चेन्नई के निकट श्रीसिटी स्थित अल्सटॉम की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से विशेष ट्रेलरों के माध्यम से करीब 1907 किमी का सफर सड़क मार्ग से तय करने के बाद लखनऊ आ चुके हैं।
एक दिसंबर 2016 को होगा मेट्रो ट्रेन का ट्रायल
- लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) के जनसंपर्क अधिकारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इतने कम समय में प्रियॉरिटी रूट तैयार होना और बोगियां आना रेकॉर्ड है।
- समय से काम पूरा करने के लिहाज से लखनऊ मेट्रो पूरे देश के लिए रोल मॉडल बन गया है।
- लखनऊ में जमीन पर एक कि॰मी॰ मेट्रो पर 15 करोड़ रुपये का व्यय आयेगा, वहीं भूमिगत लाइन में यह बढ़कर 27 करोड़ हो जायेगा।
- लखनऊ में मेट्रो रेल शुरु होने के बाद सड़कों पर यातायात काफी कम हो जायेगा।
- लखनऊ में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर बाइपास बना दिए जाने के बावजूद सड़कों पर गाड़ियों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है।
- इस कारण से यहां मेट्रो का जरुरी था जिसे सीएम ने पूरा किया।
- बता दें कि 4 नवंबर, 2016 को लखनऊ मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कैबिनेट मंत्री याशर शाह को उत्तर प्रदेश सरकार के लिए पहली मेट्रो ट्रेन की चाबी सौंप दी थी।
- एलएमआरसी एक दिसंबर 2016 को अपनी पहली मेट्रो ट्रेन का ट्रायल करेगा।
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