भारत के इतिहास में अनगिनत राज छुपे है, इसका अंदाजा परत दर परत सच्चाई सामने आने के बाद ही होता है। इसी तरह भारत के राजनीतिक इतिहास में भी कई बेहद महत्वपूर्ण राज दफन है। उसमें से एक आज हम आपकें सामने लेकर आए हैं। जो कि देश के एक बड़े मुख्यमंत्री से जुड़ा है। इस मुख्यमंत्री को अंग्रेंजो से अपनी जान बचाने के लिए 22 दिन जंगलों में काटने पड़े थे। यहीं नहीं कुछ समय के लिए उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा था।

इस मुख्यमंत्री पर अंग्रेजों के रखा था इनाम

  • उत्तर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री रहे इस हस्ति पर अंग्रेजों ने 10 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया था।
  • इस मुख्यमंत्री पर सिर्फ इनाम ही नहीं घोषित किया गया, बल्कि इन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश हुए थे।
  • यह मुख्यमंत्री कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा थें।
  • वर्तमान में बीजेपी की कैंट प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी इन्हीं की बेटी हैं।
  • हेमवती नंदन बहुगुणा पहली बार 8 नवंबर 1973 से 4 मार्च 1974 तक,
  • दूसरी बार 5 मार्च 1974 से 29 नवंबर 1975 तक यूपी के सीएम पद पर रहें।

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गोरखपुर का जंगल बना था ठिकाना

  • हेमवती नंदन बहुगुणा 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का समर्थन कर रहे थें।
  • उन्होंने 1942 में महात्मा गांधी के आह्वान पर इस आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
  • इसी आंदोलन में अपने उग्र स्वभाव से हेमवती नंदन अंग्रेजों की नज़र में चढ़ गए।
  • इसके बाद अंग्रेजों ने इन पर नज़र रखनी शुरू कर दी,
  • आंदोलन में हेमवती नंदन की बढ़ती सक्रियता से वह अंग्रेजों की आंख में चुभने लगें।
  • कहते है कि इसके बाद इस दिग्गज नेता को जिन्दा या मुर्दा पकड़ने के लिए आदेश जारी किए गए,
  • यहीं नहीं उनको पकड़े के लिए उन पर 10 हजार का नकद ईनाम रखा गया था।
  • इसके बाद हेमवती नंदन अपनी जान बचाने के लिए गोरखपुर के जंगलों में 22 दिन तक छुपे थे।
  • लेकिन जब अंग्रेजों ने उनकी तालाशी का अभियान तेज कर दिया,
  • तो हेमवती नंदन 11 दिन के लिए पड़ोसी देश नेपाल जाकर छुप गए।
  • हालांकि की देश की आजादी के बाद वह दो बार यूपी के मुख्यमंत्री बनें।
  • वहीं कांग्रेस की सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी रहें।
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