उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ ग्रहण के बाद से ही अवैध बूचड़खानों पर शिकंजा लगा था, जिसके साथ ही योगी सरकार ने पशुओं की तस्करी और दुधारू पशुओं के काटे जाने पर भी रोक लगायी थी। जिसके तहत सूबे के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने शुक्रवार 31 मार्च को सूबे के सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को विज्ञप्ति भेजी है।
मुख्य सचिव द्वारा जारी विज्ञप्ति के प्रमुख बिंदु:
- सूबे के मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी के आदेशों की विज्ञप्ति जारी की है।
- यह विज्ञप्ति पशुओं की अवैध कटान से सम्बंधित है।
पशु तस्करी एवं अवैध वध रोकने के लिए कानून के तहत कार्रवाई:
- उत्तर प्रदेश में पशु तस्करी और अवैध वध को रोकने के लिए नियम बनाये गए हैं।
- उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955,
- पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960,
- इसके अलावा इन नियमों के अधीन अन्य नियम इस प्रकार हैं।
- पशुओं का परिवहन नियम, 1978
- वधशाला नियम, 2001
- पशुओं का पैदल परिवहन नियम, 2001
- पशुओं से होने वाली क्रूरता के लिए सोसाइटी का गठन नियम, 2001
अन्य प्रमुख बिंदु:
- जिले में स्थित पशुवधशाला का नियमित दौरा कर सुनिश्चित करें कि, वहां अवैध कटान तो नहीं हो रहा।
- जनपद में कही भी पशुवध की स्थिति में दोषियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
- पिछले पांच वर्षों में पशु तस्करी के लिए उपयोग में लाये जाने वाले रास्तों को चिन्हित किया जाये।
- साथ ही इन मार्गों पर आकस्मिक निरीक्षण की भी व्यवस्था की जाये।
- पशु तस्करों के बारे में विलेज क्राइम नोटबुक में अंकन किया जाये।
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