सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षण देकर चिकित्सा मित्र घोषित करने समेत सात सूत्री मांग को लेकर अखिल भारतीय संयुक्त चिकित्सा मित्र मोर्चा ने प्रदर्शन किया। धरना दे रहे मार्चा के पदाधिकारियों का कहना था कि आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां सरकारी अस्पताल का नामोनिशान तक नहीं है। बड़ी संख्या में लोग जंगलों, पहाड़ों के बीच बसे हुए हैं, जहां आवागमन का ठीक से रास्ता तक नहीं है। ऐसे में चिकित्सा मित्रों का अभुनव ग्रामीणों के काम आता है। बावजूद इसके हमारा कोई वजूद नहीं है।
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सरकारी अस्पतालों में दें तैनाती
- प्रदर्शन में सीएम को संबोधित सात सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला प्रशासन के प्रतिनिधि को दिया।
- इससे पहले मोर्चा की तरह से दारुलशफा में बैठक बुद्धवार को आयोजन किया गया था।
- इसमें अखिल भारतीय संयुक्त चिकित्सा मित्र मोर्चा के प्रमुख महासचिव ओपी सिंह मौर्य मौजूद थे।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी भी कई ऐसी जगह हैं जहां पहुंचने तक का रास्ता भी नहीं है।
- ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हमेशा बनी रहती हैं।
- कई गांवों में सरकारी अस्पताल तो हैं लेकिन उपचार करने वाले डाक्टर नहीं मिलते।
- ऐसी स्थिति में उन जैसे अपंजीकृत चिकित्सक ही जरुरतमंदों की मदद को आगे आते हैं।
- सीएम से मांग की है कि अनुभव प्राप्त चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में तैनाती दी जाये।
- उनका कहना है की पांच से दस वर्ष का अनुभव प्राप्त चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित कर उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अधीकृत किया जाए।
- जिलाध्यक्ष ओपी मिश्रा ने आयुर्वेद रत्न, वैद्य विसारद, इलेक्ट्रो होम्योपैथिक पद्धति से इलाज करने वालों को मान्यता प्रदान किए जाने की मांग उठायी।
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