उत्तर प्रदेश के हाईप्रोफाइल चित्रकूट गैंगेरप मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति के सहयोगी आरोपी अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और विकास वर्मा ने मंगलवार 23 मई को पाक्सो स्पेशल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. जिसके बाद विशेष जज उमाशंकर शर्मा ने दोनों आरोपियों को फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. गौरतलब हो की इस मामले में कुछ दिनों पूर्व कोर्ट ने इन आरोपियों को सरेंडर करने का आदेश दिया था. साथ ही कोर्ट ने इनकी गिरफ्तारी के आदेश भी दिए थे.
ये भी पढ़ें :गैंगरेप और यौन शोषण के आरोपी गायत्री प्रसाद प्रजापति गिरफ्तार!
गैंगरेप पीड़ित महिला पार्षद ने लगाये थे ये आरोप:
- चित्रकूट जिले की एक पार्षद ने मंत्री गायत्री समेत उनके गुर्गों रुपेश, विकास वर्मा, पिंटू उर्फ अमरेंद्र सिंह पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था.
- साथ ही पार्षद ने इन पर बेटी के साथ भी यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था.
- इस मामले में पीड़िता ने जिला स्तर से लेकर सूबे तक के पुलिस अधिकारियो से शिकायत की थी.
- लेकिन मंत्री के दबाव के चलते आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था.
- हालांकि इस मामले में सीबीसीआईडी की जांच चल रही थी.
- लेकिन इस जांच से महिला संतुष्ठ नहीं थी.
ये भी पढ़ें :यूपी एसटीफ ने गायत्री प्रसाद के दो बेटों को हिरासत में लिया, 3 आरोपी गिरफ्तार!
- इसके चलते आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट की मदद लेनी पड़ी थी.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाईं.
- साथ ही आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दिए.
- इस आदेश का पालन करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने विधिक राय लेने के बाद मौजूदा परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों के खिलाफ 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया था.
- आरोपी मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंन्द्र पाल, रूपेश और आशीष शुक्ला के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में अपराध संख्या 29/11 आईपीसी की धारा 376 डी महिला के साथ गैंग रेप, 376/511 महिला की बेटी के साथ रेप का प्रयास, 504,506 और 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है.
- इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद मंत्री गायत्री फरार हो गए थे.
- गायत्री की गिरफ्तारी ना होने से कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट भी जारी कर दिए थे
- जिसके बाद पुलिस ने गायत्री की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी भी की थी
- लेकिन अंडर ग्राउंड हुए गायत्री का पता पुलिस नही लगा पाई.
- 15 मार्च को एक सूचना पर पुलिस ने आशियाना इलाके में छापामारी की.
- सुबह तड़के करीब 6:00 बजे की गई इस छापामारी में पुलिस ने गायत्री को गिरफ्तार किया.
- जिसके बाद गायत्री को जेल भेज दिया गया था.
ये भी पढ़ें :जेल से छूटे, रिमांड पर अटके गायत्री प्रजापति!
25 अप्रैल को मिली थी जमानत-
- 25 अप्रैल को पास्को कोर्ट ने चित्रकूट गैंगरेप मामले सुनवाई की थी.
- जिसमें कोर्ट ने गायत्री सहित अमरेंद्र सिंह व विकास वर्मा की ज़मानत अर्जी को मंज़ूर कर लिया था.
- जिसके बाद अमरेंद्र सिंह व विकास वर्मा को जानत देते हुए जेल से रिहा कर दिया गया था.
- लेकिन बाद में इस हाईकोर्ट ने पास्को कोर्ट के इस आदेश को निरस्त कर दिया था.
- साथ ही गायेत्री के इन दोनो सहयोगियों को वापस खिलाफ करने के आदेश जारी कर दिए थे.
- हालांकि इस दौरान ये आरोपी फरार चल रहे थे.
- जिसे देखते हुए कोर्ट ने 11 मई को इनके खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिया था.
- साथ ही आरोपियों को सरेंडर करने का भी आदेश दिया था.
ये भी पढ़ें :गायत्री की जमानत के कागज़ात को हाथों हाथ मांगने वाला दरोगा हुआ निलंबित!