यूपी के चित्रकूट जिले में सूचना के आधार पर (inspector jp singh Killed) पुलिस ने डकैतों की घेराबंदी करके गुरुवार सुबह मुठभेड़ शुरू की। घंटों चली मुठभेड़ के दौरान एक पुलिस का जवान शहीद हो गया। यह मुठभेड़ निहि के जंगलों में चल रही थी। पुलिस ने शहीद जवान का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
महिला की मौत पर हंगामा, सड़क जाम कर काटा बवाल
सात लाख रुपये का इनामी बदमाश है बबली
- जानकारी के मुताबिक, जिले के मानिकपुर के निहि चिरैया जंगल में 7 लाख रुपये के इनामी डकैत बबली और उसके गैंग के छिपे होने की सूचना पुलिस को प्राप्त हुई थी।
- सूचना के आधार पर पुलिस ने जंगल की घेरबंदी करके सुबह सात बजे से मुठभेड़ शुरू की।
वीडियो: टोल कर्मियों को बेरहमी से पीटकर सीओ ने करवाई लूट
- इस मुठभेड़ के दौरान डकैतों की गोली लगने से इंस्पेक्टर जेपी सिंह शहीद हो गए।
- पुलिस की टीम डकैतों घेराबंदी करके कार्रवाई कर रही है।
- बताया जा रहा है (inspector jp singh Killed) कि अभी भी पुलिस की मुठभेड़ जारी है।
वीडियो: पुलिस चौकी के पास गुंडे ने लड़की का तलवार से हाथ काटा
क्या है पूरा घटनाक्रम?
- गौरतलब है कि शहीद होने के बाद दरोगा जयप्रकाश सिंह के शव को लेकर पुलिस टीम मुख्यालय पहुंची।
- पोस्टमार्टम के बाद कमिश्नर अजय शुक्ला, डीएम शिवाकांत द्विवेदी की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनके शव को सम्मानपूर्वक पैतृक गांव भेजा गया।
- एडीजी बीएन सावंत ने बताया कि शहीद दरोगा की पत्नी और बच्चों को 20 लाख और उनके माता-पिता को पांच लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी।
- बता दें कि बुधवार देर शाम निही चिरैया गांव में बबुली गैंग की मौजूदगी की सूचना पर एसपी प्रताप गोपेंद्र सिंह व एएसपी बलवंत चौधरी दो टीमें लेकर पहुंचे।
- डकैत गांव के बाहर औदर जंगल से सटे एक पुराने घर में थे।
- गुरुवार तड़के लगभग चार बजे पुलिस टीम आगे बढ़ी।
- पुलिस की भनक पाकर डकैतों ने फायरिंग शुरू कर दी।
- इस बीच डकैतों की गोली से दरोगा जयप्रकाश उर्फ जेपी सिंह और दरोगा वीरेंद्र त्रिपाठी घायल हो गए।
- अस्पताल में इलाज के दौरान जेपी सिंह की मौत हो गई।
- जबकि पुलिस की गोली से औदर निही निवासी डाकू राजू कोल पुत्र ददुआ कोल भी घायल हो गया।
- पुलिस ने घेरा कसते हुए उसे तथा डकैत सुग्रीव कोल पुत्र महेश कोल निवासी घाटाकोलान और गुड्डन उर्फ श्रीपाल को दबोच लिया।
- मौके पर एक स्वचालित राइफल सहित तीन असलहे व कारतूस मिले।
- मुठभेड़ की जानकारी होते ही एडीजी बीएन सावंत, डीआईजी ज्ञानेश्वर तिवारी के साथ इलाहाबाद व बांदा की पुलिस फोर्स व पीएसी जंगल में पहुंच गई।
- सतना एसपी राजेश हिंगडकर की टीम ने भी मध्य प्रदेश के इलाके में डकैतों की घेराबंदी की, पर अन्य डकैत बच निकले।
- घायल दरोगा वीरेंद्र त्रिपाठी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
- एडीजी बीएन सावंत ने बताया कि मुठभेड़ स्थल पर मिले खून के निशानों से स्पष्ट है कि सरगना बबुली, लवलेश समेत कई डाकुओं को गोली लगी है।