सरकारी कामों में किस हद्द तक धांधली हो सकती है इसका उदाहरण चित्रकूट के बहिलपुरवा क्षेत्र में देखने को मिल सकता है, जहाँ वन विभाग द्वारा बनवाए जा रहे वाच सेंटर के बनने से पहले ही गिरने की नौबत आ गयी है। लाखों रूपए की लागत से बन रहे इस वाच सेंटर में प्रयोग निर्माण सामग्री घटिया स्तर की है, जिसका परिणाम यह है की यह वाच सेंटर आंधी बारिश से ढह भी सकता है।
घटिया ईंट व न के बराबर सीमेंट से बना वाच सेंटर:
एक तरफ योगी सरकार सूबे में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी ओर उन्ही के सरकारी विभाग इस नीति को पलीता लगाने का कार्य कर रहे हैं। मामला चित्रकूट के कर्वी रेंज के अंर्तगत बहिलपुरवा क्षेत्र का है जहाँ लाखों रुपये की लागत से वन विभाग द्वारा ‘वाच सेंटर’ का निर्माण कराया जा रहा है। इस निर्माण कार्य मे जमकर धांधली की जा रही है।
Uttarpradesh.org के पत्रकार अनुज हनुमंत जब मौके पर पहुंचे तो यहाँ के निर्माण कार्य मे प्रयोग की जाने वाली सामग्री देखकर हैरान रह गये। ये वाच टावर लगभग बनकर तैयार हो चुका है, सिर्फ इसका प्लास्टर का कार्य शेष है। इसके निर्माण कार्य मे प्रयोग की गई ईंटें इतनी घटिया हैं जिसकी आप कल्पना भी नही कर सकते। बालू के नाम पर लोकल डस्ट का प्रयोग किया जा रहा है जो कि मानक के विपरीत है। सीमेंट न के बराबर मिलाई गई प्रतीत हो रही है। कुल मिलाकर इस लाखों रुपए के निर्माण कार्य मे जमकर धांधली की गई है। ये बिल्डिंग बनने से पहले ही गिरने की स्थिति में है।
उधर वन विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि इस वाच टावर के निर्माण हेतु बजट ही बहुत कम आया था। अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर शासन स्तर से बजट कम आया था तो अतिरिक्त बजट की मांग क्यों नही की गई? क्यों उतने ही बजट में निर्माण कार्य शुरू कराया गया ? बावजूद बजट कम होने के बाद आखिर इतना घटिया निर्माण कार्य क्यों कराया गया ?