समाजवादी पार्टी की कलह का असर केवल परिवार तक सीमित नहीं है। अखिलेश व मुलायम-शिवपाल खेमों में बट चुकी पार्टी से नेता और कार्यकर्ता भी प्रभावित हुए है। आलम यह है कि वर्चस्व की लड़ाई में अखिलेश और शिवपाल के समर्थक बार-बार आपस में एक दूसरे के खून के प्यासे हो जा रहे हैं।
शिवपाल-अखिलेश समर्थकों में भीड़ंत :
- नेताजी के गढ़ इटावा में भी आज दोनों खेमें के कार्यकर्ताओं के बीच बवाल इतान बढ़ गया कि पुलिस तैनात करने तक की नौबत आ गई।
- ताजा मामला इटावा का है।
- जहां मुख्यमंत्री अखिलेश और शिवपाल सपोर्टर के बीच पार्टी जिलाध्यक्ष पद के लिए संघर्ष हुआ।
- विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों गुट एक दूसरे पर टूट पड़े।
- दरअसल शिवपाल खेमे के सपा नेता सुनील यादव को कुछ महीने पहले इटावा से पार्टी जिलाध्यक्ष बनाया गया था।
- लेकिन गुरूवार को अखिलेश गुट के गोपाल यादव को पार्टी जिलाध्यक्ष बना दिया गया।
- इससे सुनील यादव व उनके समर्थक भड़क गए।
- वहीं पार्टी दफ्तर पर दोनों गुटों के बीच विवाद झगड़े में तबदील हो गया।
- इटावा में सपा के जिला कार्यालय पर कई थानों की पुलिस पहुंच गई है।
- इसके बाद पुलिस को वहां पर तैनात रहने के आदेश दिए गए।
जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर दोनों पक्ष का दावा :
- शिवपाल गुट के समर्थकों ने कहा सपा प्रमुख पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को असवैंधानिक करार दे चुके हैं।
- ऐसे में नए जिलाध्यक्ष के फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
- यहां पर जब कोई गलती नहीं हुई तो दूसरा जिलाध्यक्ष दूसरे को क्यों बनाया गया।
- वहीं अखिलेश के समर्थकों का कहना है कि साफ सुथरी छवि वाले नेता को ही पार्टी जिलाध्यक्ष बनना जरूरी है।
- सपा के नए जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि वह कार्यालय का चार्ज अपने हाथ में लेंगे।
- वहीं पुराने जिलाध्यक्ष सुनील यादव का कहना है कि चुनाव आयोग सपा के बारे में कोई फैसला नहीं देता है तब तक वही जिलाध्यक्ष हैं।
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