उत्तर प्रदेश के बागपत जिला में अभी हाल ही में मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद यूपी की सभी जेलों की सुरक्षा बढ़ा दी गई। फिर भी फैजाबाद जेल के भीतर 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश की जन्मदिन का केक काटते हुए तस्वीरें वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। ये मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि वाराणसी जिला जेल का माहौल शनिवार की शाम एक बार फिर खराब हो गया।
जेल की बैरक नंबर पांच में निरुद्ध बंदी वर्चस्व की लड़ाई में आपस में ही भिड़ गए। स्थिति को अनियंत्रित होते देख बंदीरक्षकों ने पहली घंटी बजाई तो जेलर सहित अन्य स्टाफ मौके पर पहुंचे। बंदियों के दोनों गुटों को अलग-अलग बैरक में शिफ्ट किया गया है। हालांकि जेल प्रशासन ने पहले मामले को दबाये रखा। जेलर डर के मारे खुद जेल से भाग गए। लेकिन जब इस बीच जेलर की सूचना पर कैंट सहित तीन थानों की फोर्स और पीएसी जेल पहुंच गई तब जेलर वापस जेल में आये।
जानकारी के मुताबिक, जिला जेल की बैरक नंबर पांच में निरुद्ध बंदी विवेकानंद यादव और चंदन ने रात आठ बजे के लगभग राहुल सिंह की पिटाई शुरू कर दी। इससे पहले दिन में भी दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी। पगली घंटी बजने पर पहुंचे जेलर ने तीनों बंदियों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट किया।
इसके बाद बैरकों की तलाशी कराई गई। जेलर पीके त्रिवेदी ने बताया कि आपस में ही तीन बंदी भिड़ गए थे। तीनों को समझाबुझाकर अलग-अलग बैरक में शिफ्ट कर दिया गया है। दोबारा इस तरह की शिकायत सामने आएगी तो तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उनको गैर जनपद की जेल में शिफ्ट करने के लिए संस्तुति की जाएगी। फिलहाल जेल के बाहर पीएसी तैनात है और अधिकारियों की नजर बनी हुई है।