उत्तर प्रदेश के रायबरेली कस्बे के मेन रोड में रहने वाले एक परिवार की रहने वाली एक नाबालिग छात्रा पिछले करीब 30 दिनों से लापता है लेकिन लापरवाह पुलिस उसे खोजने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। छात्रा कस्बे के विद्यालय में कक्षा 11 की छात्रा है। छात्रा के पिता ने अपने दामाद पर और बहन पर देहव्यापार और दलाली का आरोप लगते हुए शक जाहिर किया है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, लोहड़ा गुरुबख्सगंज निवासी पिता देवीशंकर ने बताया कि उन्होंने कोतवाली पुलिस को अपनी पुत्री के अगवा किये जाने की शिकायत 09 मार्च 18 को की थी। मगर अपनी मनमानी और फरियादियों से बदसलूकी के लिए कुख्यात हो चुकी लालगंज पुलिस मामले को टालती रही और एफआईआर नहीं दर्ज की।
बड़ी मशक्कत के बाद में 18 मार्च को पुलिस ने मामले में नामजद आरोपियों सूरज शुक्ला, कुलदीप वर्मा, सोनम के विरुद्ध धारा 363, 366 में एफआईआर दर्ज की है। मगर एफआईआर दर्ज होने के एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद भी पुलिस के ऊपर कोई असर नहीं हुआ जिससे पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े हो गए हैं। देवीशंकर ने कहा है कि मामले में पुलिस की लीपापोती और ठंडे बस्ते में डालने से साफ है कि लड़कियों के सौदागरों से पुलिस की मिलीभगत है।
इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता से यह तो साबित हो गया है कि बेटियों के सुरक्षा अब भगवान भरोसे है। कोतवाल लालगंज रावेन्द्र सिंह ने बताया है कि जांच चल रही है। मैंने कोतवाली से एक सब इंस्पेक्टर को कानपुर भी भेजा है और कल तक वापस भी आ जाएगा। दूसरी बात यह है कि जिस लड़के का नम्बर घर वालों ने दिया है वह नम्बर अब स्विच ऑफ जा रहा है।
पुलिस की मदद लड़की के घर वालों को भी करनी चाहिए जिससे पुलिस को लड़की के ढूढ़ने में मदद मिल सके। फिलहाल पुलिस अपनी कोशिश कर रही है, अगर कुछ मामला आएगा तो पूरी जानकारी दी जाएगी। देवीशंकर ने सूरज शुक्ला ने अपने बहनोई कुलदीप वर्मा और बहन सोनम पर अगवा करने का आरोप लगाया है। देवीशंकर ने सोनम और कुलदीप पर लड़कियों की दलाली का रैकेट चलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।