सियासत का खेल भी अजीब है। एक तरफ मायावती सरकार में कांशीराम का स्मारक बनाया गया तो वहीं अखिलेश सरकार में इन स्मारकों की अनदेखी भी सामने आई।
- हालांकि सरकार स्मारकों की देख-रेख और साफ़-सफाई के लिए बजट दिया जाता है।
- लेकिन मायावती और कांशीराम की मूर्तियों पर जमीं धूल की परतें अलग ही कहानी बयां कर रही है।
25 तस्वीरों में देखिये धूल साफ करते कर्मचारी
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अब खुली संग्रहालय समिति की नींद
- अब जबकि 5 चरण के चुनाव हो गए हैं और 11 मार्च को परिणाम भी आने हैं।
- तब जाकर डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर पार्क संग्रहालय समिति की नींद खुली है।
- इसके अलावा उपवनों, स्मारकों आदि के रख-रखाव की जिम्मेदार संस्था इन मूर्तियों पर जमीं धूल को साफ़ करते दिखाई दे रहे हैं।
- पूरे लखनऊ में मायावती और कांशीराम की मूर्तियों की सफाई का काम चल रहा है।
फीकी पड़ गई मूर्तियों की चमक
- साफ़-सफाई में जुटे कर्मचारियों ने कहा कि सफाई के साथ मूर्तियों का माप भी लिया जायेगा।
- उन्होंने बताया कि मूर्तियों की चमक फीकी पड़ रही है।
- बाबा साहब अम्बेडकर की मूर्ति के अलावा मायावती और कांशीराम की मूर्तियों की सफाई हो रही है।
- मूर्तियों की दोबारा डेंटिंग-पेंटिंग के साथ पूरे स्मारकों को चमकाने का काम जोरों पर है।
- अम्बेडकर प्रतिमा की सफाई के साथ माप लिया गया वहीं, पूरे स्मारक को एकदम चमकाने का काम जोरों पर चल रहा है।
रूटीन के तहत हो रही सफाई
- एक तरफ जहां ये सभी कर्मचारी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ये रूटीन के तहत किया जा रहा है।
- लेकिन इस साफ़-सफाई के काम को देखकर क्षेत्र में चर्चाएं तेज भी हो गई हैं।
- कुछ लोगों का कहना है कि सरकार बदलने की सुगबुगाहट के कारण ये सभी अधिकारी अब इन मूर्तियों की साफ़-सफाई करने में जुटे हुए हैं।
- बता दें कि 7 चरण में हो रहे चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किये जायेंगे।
- कल छठे चरण के लिए मतदान होगा।
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