राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मसूद अहमद ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही अवैध बूचडखानों का पता एक सप्ताह के अंतर्गत मंगा लिया था और उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया था। परन्तु प्रदेश के लगभग सभी जिलों की घनी आबादी के बीच में हजारों अवैध कारखाने चल रहे हैं। जिनमें अधिकांशतः आम जनता के स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने वाली वस्तुओं का निर्माण हो रहा है या रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं का नकली उत्पादन किया जा रहा है। इन कारखानों की ओर न ही मुख्यमंत्री का ध्यान है और न ही उनकी प्रशासनिक मशीनरी का।
डाॅ. अहमद ने कहा कि जब किसी अवैध कारखाने में किसी प्रकार का विस्फोट अथवा गैस रिसाव से जन धन की हानि होती है और सम्बन्धित क्षेत्र की जनता में तबाही का दृष्य सामने आता है। तब कार्यवाही के नाम पर भी खानापूर्ति के नाम पर छोड दिया जाता है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में आतिशबाजी के अनेकों अवैध कारखाने पकडे जाते हैं जहां पर विस्फोट से कई लोगों की मृत्यु तक हो जाती है। परन्तु सरकार खानापूर्ति करके चुप बैठ जाती है।
प्रदेश की राजधानी में चिनहट कारखाने का विस्फोट, ठाकुरगंज में अवैध कारखाने का गैस रिसाव, अनेको अवैध मसाले और सॉस बनाने वाली नकली फैक्ट्रियां पकडी गयी और प्रशासन ने सौदेबाजी करके उनके खिलाफ हल्की धाराओं में केस दर्ज कर दिया। रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के मुखिया को सर्वप्रथम जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रदेश भर में चल रहे अवैध कारखानों का पता लगाकर उन्हें बंद कराना चाहिए। क्योंकि सरकार अपने अस्पतालों और मेडिकल कालेजों के माध्यम से भी जनता को स्वास्थ लाभ पहुंचाने में सफल नहीं हो पा रही है। प्रदेश की जनता ने जिस विश्वास की भावना से प्रचण्ड बहुमत की सरकार दी थी उसी प्रकार प्रचण्ड निराशा के आगोश में जाते हुये निरीह जनता महसूस कर रही है।