उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के विकास के दावो को पोल खुलने लग गई है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि अखिलेश यादव अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 207 किलोमीटर लंबे साइकिल हाइवे को भी बर्बाद होने से बचा नहीं पा रहे हैं। दरअसल वर्ल्ड के सबसे लंबे और एशिया के पहले साइकिल हाइवे में हुए घोटालों का गवाह यह खुद बन रहा है।
साइकिल हाइवे के निर्माण में हुआ घोटाला ?
- महज चार महिने के अंदर इस साइकिल हाइवे में कई किलोमीटर लंबी दरारें पड़नी शुरु हो गई है।
- वहीं कई जगहों पर रोड भी उखड़ने लग गई है।
- अखिलेश के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर 134 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं।
- लेकिन इससे अब बड़े घोटालो की बू आने लगी है।
- इस हाइवे के निर्माण में झांसी की उच्च क्वालिटी की डेनसिटी गिट्टी का प्रयोग होना था,
- लेकिन इसकी जगह बिलउआ गिट्टी का प्रयोग किया गया था।
- इस साइकिल हाइवे पर फतेहाबाद इलाके में काफी लंबी दरारे देखी जा सकती है।
- वहीं पीडब्लयूडी विभाग ने इस छिपाने के लिए दरारों में डामर भर अखिलेश की साख बचाने की कोशिश की है।
- हालांकि कई किलोमीटर की दूरी में इस हाइवे की सड़क उखड़ी हुई और दरारों से भरी है।
गलती करने वालों को जांच का जिम्मा
- इस मामले की पोल खुलने की बाद प्रशासन नींद से जागा।
- हालांकि यहां भी जनता को मुर्ख बनाने का काम किया जा रहा है।
- इस हाइवे की गड़बड़ी की जांच उसी इंजीनियर को सौंपी गई है, जिसने इसे बनाया है।
- बता दें कि पीडब्ल्यूडी ने इसकी जांच के लिए एक टीम गठित की है।
- टीम में सहायक अभियंता आरपी शर्मा, शशांक भार्गव, संजीव उपाध्याय, अवर अभियंता मुलायम सिंह और आरके शर्मा शामिल हैं।
- इस हाइवे का ज्यादातर निर्माण एक्जिक्यूटिव इंजीनियर प्रभार शर्मा के देखरेख में हुआ है।
- जांच के लिए गठित की गई टीम शर्मा के नीचे काम करती है।
नीदरलैंड की तर्ज पर बना साइकिल हाइवे
- सीएम अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की प्रेरणा नीदरलैंड से ली गई थी।
- अखिलेश यादव 2014 में नीरलैंड गए थे, वहां उन्होंने इसका सफल प्रयोग देखा था।
- इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में इसे बनाने का फैसला किया।
- यूपी में इस साइकिल हाइवे का निर्माण इटावा के लायन सफारी से आगरा के ताजमहल तक हुआ।
- मुख्यमंत्री के इस प्रोजेक्ट का निर्माण तेजी से हुआ और 26 नंवबर 2016 को इसका उद्घाटन सीएम ने किया।
- उद्घाटन के दौराए सीएम अखिलेश ने एक साइकिल रैली भी निकाली थी,
- इस रैली में 150 देशों के 600 से अधिक साइक्लिस्टों ने हिस्सा लिया था।
साइकिल हाइवे पर खर्च
- अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए सरकारी खजाने से काफी पैसा खर्च किया गया।
- इस 207 किलोमीटर कुल लंबाई वाले हाइवे के लिए कुल 134 करोड़ रूपये खर्च किए गए।
- इसकी सबसे ज्यादा लंबाई आगरा में कुल 166 किलोमीटर है, जिस पर 110 करोड़ रूपये खर्च किए गए।
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