मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को अपने दो मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है और अभी दो कैबिनेट मंत्री 1 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 3 राज्यमंत्री उनके निशाने पर बताए जा रहें है। कहा जा रहा है कि सीएम अखिलेश अपने इन मंत्रियों के कामकाम से संतुष्ट नहीं हैं। मंत्रियों की बर्खास्तगी की खबरों के बीच कुछ नए चेहरों को भी अखिलेश कैबिनेट में शामिल करने की चर्चा जोरों पर है।
- हटाए गए मंत्रियों के स्थान पर नए मंत्रियों को लाकर जातिय संतुलन साधने की कवायद की जाएगी।
- देखा जाए तो अब विधानसभा चुनाव में मात्र कुछ महीनों का ही समय शेष है।
- ऐसे में दोबारा सत्ता वापसी के अखिलेश पूरा जोर लगा रहें हैं।
- वह सरकार की छवि के साथ ही खुद की छवि को लेकर भी बेहद सतर्क हैं।
- नौकरशाही से लेकर मंत्रीमंडल तक तक में खुद फेरबदल करके अखिलेश संदेश देना चाहते हैं कि अब वह लर्निंग सीएम नहीं रहें।
- विपक्ष अक्सर प्रदेश में 4 मुख्यमंत्री होने का आरोप लगाता रहा है।
- ऐसे में यह फैसलें साफ संदेश देते हैं, कि सीएम तो सिर्फ अखिलेश यादव हैं और मौका पड़ने पर वह इस बात को साबित भी कर सकते हैं।
सीएम अखिलेश के सातवें कैबिनेट विस्तार में शामिल होंगे 4 मंत्री!
मंत्रीमण्डल में हो सकते हैं बड़े बदलावः
- विधानसभा चुनाव अब सामने ही हैं, इसके बावजूद अखिलेश अपने मंत्रीमण्डल में बड़े बदलाव कर सकते हैं।
- सूत्रों के अनुसार, सितंबर के अंत तक मुख्यमंत्री 5 नए मंत्रियों को मंत्रीमण्डल में शामिल कर सकते हैं।
- इस बदलाव को बर्खास्त मंत्रियों की भरपाई के तौर पर देखा जा रहा है।
- इसके साथ ही इस बदलाव में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश भी की जा रही है।
- उम्मीद की जा रही है मंत्री जियाउद्दीन रिजवी को भी इसी वक्त मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।