बांदा जिले में भूख से मरने वाले मजदूर नत्थू के मामले में राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। प्रदेश सरकार मृतक के परिजनों को 5 लाख रूपये की मदद भी दे रही है।
क्या है पूरा मामला?
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बांदा जिले के निवासी नत्थू की 4 दिनों से खाना न खाने के कारण मौत हो गई थी।
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वह बांदा में अपनी पत्नी और 6 बच्चों के साथ रह रहा था।
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नत्थू और उसका परिवार मजदूरी करके किसी तरह से अपने परिवार का पेट पाल रहे थे।
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कई दिनों से भूखे नत्थू की सूखा राहत पैकेट लेने जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई थी।
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नत्थू की मौत होने के बाद बिना पोस्टमार्टम कराये उसके शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया था।
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हालांकि बांदा प्रशासन ने नत्थू की मौत पर सवाल किया था कि उसके पास अंत्योदय और मनरेगा जॉब कार्ड था, तो उसकी मौत भूख से कैसे हो सकती है।
प्रदेश सरकार ने मामले में ठोस कदम उठाते हुए पंचायत सचिव और लेखपाल को निलंबित कर दिया है। बांदा के डीेएम ने जानकारी दी कि प्रदेश सरकार की तरफ से परिवार को पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी।
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