उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अलीगढ़ जिले की रजिया पत्नी अकबर हुसैन के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को ‘मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष’ से 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इस घटना को दुखद बताते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता को अपनी ही धनराशि को प्राप्त करने के लिए इस प्रकार बैंकों और एटीएम की लाइन में लगकर पैसा निकालने का प्रयास करना और उस पर भी सफल ना हो पाना अत्यंत कष्टप्रद है।
यह था पूरा मामला
- यह जानकारी देते हुए शासन के प्रवक्ता ने बताया कि नोटबंदी के बाद रजिया अपने कारखाने से मजदूरी के रुप में प्राप्त 500-500 रुपये के 6 नोट बदलवाने के लिए अपने नजदीकी बैंक में लगातार तीन दिन तक कोशिश करती रही।
- लेकिन वह नोट बदलने में सफल नहीं हो पाई।
- इस पर आर्थिक रुप से कमजोर रजिया ने दुखी होकर अपने आप को आग लगा ली थी।
- गंभीर रूप से जली रजिया का जिला मलखान सिंह अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अलीगढ़, के बाद सफदरगंज अस्पताल नई दिल्ली में इलाज चला।
- नई दिल्ली में इलाज के दौरान उसकी 4 दिसंबर को मौत हो गई थी।
सभी मृतकों के परिजनों को भी दो-दो लाख की सहायता
- मुख्यमंत्री ने उनके परिवार की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए उनके परिजन को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश मे नोट बंदी के फलस्वरुप बैंक, एटीएम की कतार में नोट बदलवाने में लगे लोगों की मृत्यु को दुखद बताते हुए आर्थिक रुप से कमजोर सभी मृतकों के परिजनों को परीक्षण के बाद तो 2-2 लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
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