उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली जूही प्रकाश इन दिनों अपने कैंसर पीड़ित पिता के इलाज के खातिर के रूपये निकालने के लिए एटीएम और बैंक के बाहर खड़ी रहती है लेकिन उसका नंबर ही नहीं आता। इस बेटी के सिर से मां का साया भी उठ चुका है ऐसे में अपने माता-पिता की अकेली बेटी बीमार हालत में पिता को घर में अकेला छोड़कर लाईन में लग रही है। इस खबर को सबसे पहले uttarpradesh.org ने प्रकाशित किया और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इसकी जानकारी दी। हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से जूही के घर अधिकारियों को भेजकर मदद पहुंचाई है। सोचने वाली बात यह है कि इस बेटी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी इलाज के लिए पत्र लिखकर मदद मांगी लेकिन वहां से उसे मदद नसीब नहीं हुई है, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?
डॉक्टर कह रहे तुरन्त कराओ ऑपरेशन
- उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में रहने वाली जूही प्रकाश ने बताया कि उनके 52 वर्षीय पिता नित्या प्रकाश को मुंह का कैंसर है।
- वह पहले से ही पिछले तीन महीनों से लिए आर्थिक संकट से जूझ रही है।
- लेकिन नोटबंदी की वजह से बैंकों पर लंबी लाइनों ने उसे अपने पिता के लिए दवाई खरीदने के लिए बिलकुल असहाय कर दिया है।
- जूही ने बताया कि अपने बीमार पिता की देखभाल करने के लिए परिवार में केवल एक मैं ही हूं।
https://twitter.com/prakash_juhi/status/803199143493545989
- मेरी मां का तीन साल पहले कैंसर की बीमारी से निधन हो चुका है।
- 25 वर्षीय जूही ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ट्वीट किया है और पत्र भी लिखा है।
- उसका कहना है कि वो कैंसर ग्रस्त अपने पिता को अकेले घर पर छोड़कर बैंक की लाइनों में घंटे खड़े होने में असमर्थ है।
- वह अपने पिता की जान बचाने के लिए जूझ रही है वहीं ऑपरेशन में आर्थिक तंगी आड़े आ रही है।
Dad in hospital with cancer, can't stand in queue for cashgirl tweets PM Modi @PMOIndia @narendramodi @yadavakhilesh https://t.co/Nw6qaX5Xww
— Anuja Jaiswal (@AnujaJaiswalTOI) November 29, 2016
- डॉक्टर कह रहे हैं कि जल्दी ऑपरेशन करवाओ लेकिन इसके लिए उसके पास पैसे नहीं हैं।
- अब वह जाये तो कहां जाये?
- जूही ने बताया कि उसके पिता की थोड़ी बहुत बचत उनके खाते में है लेकिन वह बैंक से पैसे निकालने में नोटबंदी की वजह से लम्बी लाइन है।
- अपने पिता को अकेले किसके सहारे छोड़कर लाइन में लगकर पैसे निकाले।