[nextpage title=”आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे ” ]
योगी आदित्यनाथ अखिलेश यादव सरकार द्वारा कराये गए कामों से संतुष्ट नहीं हैं. सीएम योगी ने आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट के बाद अखिलेश यादव के एक और ड्रीम प्रोजेक्ट की जाँच के आदेश दे दिए हैं.
अखिलेश यादव के इस प्रोजेक्ट पर योगी सरकार सख्त:
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अखिलेश यादव सरकार में निर्माण कार्य रहा गया अधूरा:
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का लोकार्पण तो अखिलेश यादव ने कर दिया था. अखिलेश यादव ने चुनाव में इस एक्सप्रेस वे को लेकर अपनी पीठ थपथपाई थी और रिकॉर्ड समय में इसे शुरू करने की बात भी कही थी. लेकिन ये एक्सप्रेस वे अभी भी पूरा नहीं है. अब योगी सरकार ने अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट की जाँच के आदेश दे दिए हैं.
इसके लिए सरकार ने 10 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है. इसके साथ ही 18 महीने में जमीन खरीद की जाँच के आदेश भी दिए गए हैं. इस दायरे में करीब 230 गाँव आएंगे जो एक्सप्रेस वे के किनारे बसे हैं. कृषि योग भूमि को रिहायशी जमीन के रूप में दिखाने का आरोप है और ऐसा इसलिए किया गया ताकि अधिक मुआवजा मिल सके. जिस कंपनी ने एक्सप्रेस वे का निर्माण किया उसके दस्तावेज भी मंगाए गए हैं. 6 लेन वाले 302 किमी लम्बे एक्सप्रेस वे के बीच में 3 किमी लम्बी हवाई पट्टी भी बनी है और जेट की लैंडिंग कराकर इसका टेस्ट भी किया गया था.
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