उत्तर प्रदेश की कमान सँभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सरकारों के कामों की जाँच भी शुरू कर दी है. गोमती रिवर फ्रंट की जाँच के आदेश भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही दे दिए हैं. सीएम योगी ने रिवर फ्रंट का निरीक्षण भी किया था और कहा था कि लागत के मुताबिक काम नहीं हुआ है.
पिछली सरकारों के काम-काम का निरीक्षण करने के क्रम में सीएम ने 21 सरकारी चीनी मिलों से जुड़े घोटाले की जाँच के आदेश के दिए. जिसके बाद तत्कालीन मायावती सरकार पर उँगलियाँ उठनी शुरू हो गई है. इस जाँच से बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. मायावती शासन में 21 सरकारी चीनी मिलों को बेचने में 1180 करोड़ का घोटाला सामने आया था।
मायावती की बढ़ सकती हैं मुश्किलें:
इस जाँच के आदेश के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ दोहरी कार्रवाई हो सकती है।एक ओर चीनी मिलों को बेचने में हुए घोटाले का मामला तो वहीं दूसरी ओर आयकर विभाग उनके भाई आनंद कुमार पर शिकंजा कस रहा है।
योगी सरकार ने इसी साल के गन्ने का भुगतान 23 अप्रैल तक करने का भी आदेश दिया है, साथ ही ये भी कहा गया है कि गन्ना किसानों के भुगतान में देरी करने वाले चीनी मिल मालिकों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
1180 करोड़ का चीनी मिल घोटाला:
- मायावती सरकार में 21 चीनी मिलों को बेहद कम दामों में बेच दिया गया था.
- यूपी शुगर कॉरपोरेशन, राज्य चीनी और गन्ना विकास निगम लिमिटेड के अंतर्गत इन मिलों को कम दामों में बेचा गया था.
- यहाँ तक कि CAG ने अपनी जांच में इस मामले में 1180 करोड़ का नुकसान पाया था।
- CAG के खुलासे के बाद भी अखिलेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.
- ऐसे में योगी सरकार द्वारा इसकी जाँच के आदेश दिए जाने के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं.
- अब इस आदेश के बाद मायावती की मुश्किलें इस जाँच के आदेश के बाढ़ बढ़ सकती हैं.
- हालाँकि अभी मायावती की तरफ से इसपर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आयी है.