लखनऊ : यूपी प्रांतीय सिविल सेवा प्रोन्नत अधिकारी संघ का अधिवेशन, मुख्य अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ अधिवेशन में पहुँचे अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक सहित तमाम अधिकारी मौजूद, इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में हो रहा अधिवेशन।
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान :-
- प्रदेश के जनपद स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करने वाले अधिकारियों को आज के अधिवेसन के लिए बधाई।
- शासन और प्रशासन के कार्यो की समीक्षा भी संवर्ग वर्ग से होती है अगर कार्य नही होता है तो नकारत्मक भाव भी उस संवर्ग के प्रति आता है।
- प्रदेश के राजस्व विभाग की सबसे महत्वपूर्ण कडी आपका संगठन है।
- सेवा से बड़ा कोई धर्म नही होता।
- मैंने निर्देश दिए है कि किसी भी स्तर पर कर्मचारी और अधिकारी को प्रताड़ित न किया जाए।
- प्रमोशन में तेज़ी आयी है हमलोगों की सरकार में।
- प्रमोशन की व्यवस्था के लिए 299 अधिकारियों के लिए सरकार ने काम किया।
- जहां नियम में बदलाव करने थे हमने किया।
- सरकार इन अधिकारियों से रिजल्ट भी चाहती है।
- मुझे अफसोस भी होता है कि कार्य के घंटो को लेकर लोग परेशान होते है।
- मै 17 से 18 घंटे रोज़ काम करता हूँ और इससे मुझे खुशी मिलती है कि जो दायित्व दिया गया है उसे पूरा कर रहा हूँ।
- 3 डीपीसी हमलोगों ने की है जिसमे 221 अधिकारियों को प्रमोशन किया।
- जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने जीवन मे कार्य अच्छे किये होंगे लोग उन्हें रिटायर मेन्ट के बाद भी याद करते है
एक कॉमन मैन के साथ आपका जुड़ाव है।
- इसको परोपकार का कार्य मानकर आप घंटो काम करेंगे तब आपको खुशी मिलेगी।
- आप जो कार्य कर रहे उसे प्रदेश और देश के प्रति योगदान के रूप में देखें।
- एक रोज़ मुझे सीएम नही रहना है लेकिन अगर मैं अच्छा काम करूंगा तो ये यादगार हो जाएगा और ये अधिकारी के कार्य पर भी लागू होता है।
- इंसान होकर अगर आप इंसानियत के लिए काम नही करेंगे ये नही होना चाहिए।
- आपकी ड्यूटी 9,30 बजे की है लेकिन कुछ लोग 11 बजे तक नही पहुंचते है।
- अगर ऊपर से दवाब न हो तो 12 बजे तक नही पहुंचते है।
- कुछ लोग कैम्प कार्यलय बना कर गप्पे मारते है।
- हर क्षेत्र में अधिकारी बेहतर काम कर अपने आपको साबित करे ये सरकार उनसे अपेक्षा करती है।
- जनता की सुनवाई के लिए igrs पोर्टल और जनता दर्शन सरकार ने प्रारम्भ किया।
- हमने सिस्टम बनाया है कि जब तक जनता की समस्या का निदान न हो तब उस पर काम हो।
- बिना भेदभाव के कार्य होना चाहिए। आम पब्लिक को संतुष्टि मिले ।
90 प्रतिशत मामले राजस्व और पुलिस से जुड़े जनता दर्शन में आते है।
- मैं हर अधिकारी से कह रहा हूँ कि सुबह 9.30 से वो ऑफिस में बैठकर समस्याए सुने।
- धीरे धीरे भीड़ कम होती जाएगी।
- राजस्व की समस्याओं के निदान न होने से बड़ी घटनाओं के कारण बनते है।
- जनता की समस्याओं का निदान नही होगा तो समाधान को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी।
- प्रदेश सरकार ने जनता की समस्या को सुनने और निस्तारण को लेकर सीएम हेल्पलाइन और आईजी आर एस बनाया लेकिन अक्सर उसे बिना निस्तारण के लिए कह दिया जाता था कि निस्तारण हो गया।
- हमने इसमे सुधार करवाया।
- जनता हमारे कार्य से अगर खुश नही है तो हम अच्छा काम नही कर रहे है ये मानना पड़ेगा।
- जब सरकार आपकी बात को बिना किसी शर्त के आगे बढ़ा रही है तो आपका भी फ़र्ज़ बनता है कि कार्य को अच्छे से आगे बढ़ाए।
- राजस्व के मामले का निस्तारण न होना बहुत बार द्वंद का रूप ले लेता है।
- नगर निकाय में सोर्स आफ इनकम हो सकता है लेकिन कोशिश नही हुई।
- अधिकारी बाबू ध्यान नही देते।
- सरकार में सभी को फ्रीडम दी हुई है अधिकारी चाहे तो अपनी नई इमेज बनाकर अपने को साबित कर सकते हों।
- एक प्रति सपधा होनी चाहिए कि कौन अधिकारी अच्छा काम कर रहा।
- व्यवहारिक अनुभव ही वास्तविक ज्ञान होता है।
अधिकारी के ऊपर है कि वो समाज को इस ज्ञान से परिचित कराए।
- विभिन्न वर्गों की समस्याओं का समाधान हुआ है विगत 20 वर्सो में नही हुआ जो हमारी सरकार में हुआ।
- आप सम्मेलन करिए लेकिन ट्रेड यूनियन मत बनाइये ।
- ट्रेड यूनियन के नारे ही समस्या बनते है।
- राजस्व से जुड़ी सभी समस्याओं को लेकर आपको बहुत जानकारी होती है।
- आप मिलन समारोह मत बनाइये ।
- छुट्टी के दिन ऐसे आयोजन रखिये और सीनियर अधिकारियों को बुलाकर उसमे अच्छे कार्यो पर चर्चा कीजिये प्रजेंटेशन दीजिये।
- हर फील्ड से जुड़े किये गए अच्छे कार्यो को अधिकारी अपने सीनियर अधिकारियों के सामने प्रेषित कर प्रेजेंटेशन दे ऐसा आप करेंगे आगे से उम्मीद करता हूँ ।
- मुझे बहुत अफसोस होता है कई बार बाबू लोग नगर निकाय के पैसों को अपने घर ले जाते है।
- कई बार समस्या आती है।
- नगर निगम का मतलब ये नही हो सकता है कि पैसा सरकार दे और वो भी विकास कार्यो में खर्च न हो पाए
विभाग में अगर कोई गलत काम कर रहा है आप सीधे लिख दो,एक नई छवि बन जाएगी।
- अपने आपको साबित करने का मौका सरकार ने फ्री होकर दिया है आपको ।
- अगर अधिकारी चाहे तो समाज मे एक नई छवि बना सकते है।
- अच्छे काम करने में कंपीटिशन होना चाहिए. हर एक संवर्ग से जुड़ी डीपीसी हो रही है।
- आपसे ये सरकार अपेक्षा रखती है कि आप काम की दृष्टि से यूपी को आगे बढाएंगे।
- आप अधिकारी एक संवर्ग से जुड़े हुए है इसे ट्रेड यूनियन की राह पर नही ले जाइयेगा।
- क्योकि ट्रेड यूनियन के नारे बिखराव पैदा करते है।आप एक कैडर से जुड़े हुए है।
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