उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास 5 केडी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ‘संयुक्त समन्वय बैठक’ में हिस्सा लिया था, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम स्थल को लेकर चर्चा की गयी। बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ स्थित साइंटिफिक कन्वेशन सेंटर पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुहेलदेव विजयोत्सव कार्यक्रम में शिरकत की और कार्यक्रम का संबोधन भी किया।
सुहेलदेव विजयोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के मुख्य अंश:
आनंद की अनुभूति हो रही है:
- कार्यक्रम में आये सभी लोगों का स्वागत है,
- आपके बीच में मुझे आनंद की अनुभूति हो रही है,
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अशोक सिंघल को याद किया,
- अशोक सिंघल का त्याग और बलिदान रहा,
- अशोक सिंघल की भावना स्पष्ट थी,
- हम सब के प्रेरणा स्त्रोत थे अशोक सिंघल,
- VHP को अशोक सिंघल ने बहुत आगे बढ़ाया,
- अशोक सिंघल भावनाओं पर आधारित है यह कार्यक्रम,
महापुरुषों के जीवन से दूर रखा गया:
- जाति, धर्म के नाम पर देश को लूटा गया,
- महापुरुषों के जीवन से हमें दूर रखा गया,
- हमने महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी न देकर कार्यक्रम कराने की बात कही,
- अपने कौम के महापुरुषों को याद रखना चाहिए,
- आज के छात्र महापुरुषों को नहीं जानते हैं,
- अशोक सिंघल हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी सोच मौजूद है,
- महापुरुषों के नाम पर विद्यालय में कार्यक्रम,
महाराज सुहेलदेव को भुला दिया गया:
- मैं श्रावस्ती में इस कार्यक्रम में गया था,
- जो कौम अपने इतिहास की रक्षा नहीं कर सकती, वह भूगोल नहीं बचा सकती,
- हमने महाराज सुहेलदेव को भुला दिया है,
- 3 लाख की सेना का मुकाबला सुहेलदेव ने किया,
- जब हम इतिहास से छेड़छाड़ करेंगे तो समाज इसका प्रभाव सहन करेगा,
- महापुरुषों के सम्बन्ध में जानना जरुरी है,
- महापुरुषों की गाथाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनायेंगे,
- आजादी दिलाने वाले महापुरुष पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे,
- राजनीतिक लाभ के लिए देश के इतिहास को तोड़ा- मरोड़ा गया,
जनता अपमान करेगी:
- सच सामने आने के बाद जनता सम्मान के बाद अपमान करेगी,
- हमारे स्वतंत्रता आन्दोलन को विद्रोह बताया गया,
- सामाजिक समता के लिए महापुरुष हमारे आदर्श हैं,
- एक सरकार ने शरारत की थी, सभी जनजातियाँ हिन्दू नहीं थी,
- आरएसएस निःस्वार्थ भावना से काम कर रहा है,
- RSS जब मलिन बस्ती में काम करता है तो ऊँगली उठती है,
- आरएसएस पर साम्प्रदायिकता फैलाने की ऊँगली उठती है,
- सांप्रदायिक और राष्ट्रवादी लोगों पर चर्चा जरुरी है,