उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल रामनाईक ने भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ के हजरतगंज स्थित आंबेडकर प्रतिमा पर बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, डॉ रीता बहुगुणा जोशी, लखनऊ की मेयर संयुक्त भाटिया, भाजपा के प्रवक्ता डॉ चंद्र मोहन सहित तमाम मंत्री और नेतागणों के साथ अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस के मौके पर सभी को बधाई देता हूं। सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार 25 लाख अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति दे रही है। प्रदेश के अंदर एक बड़ी आबादी सुविधाओं से वंचित थी उन्हें कोई सुविधा बच्चों की शिक्षा, स्कूल नहीं थे। हमने उस गांव के राजस्व गांव बदलकर वहां पर बिजली पानी तमाम सुविधाएँ पहुंचाई। बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार में काम हुए हुए हैं। बाबा साहेब के नाम पर राजनीति बड़ी हो रही है। कई लोग नाम लेकर राजनीति करते रहे हैं। लेकिन बाबा साहेब से जुड़े 5 बड़े स्थल के लिए भाजपा सरकार ने ही घोषणा की है।
वहीं राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। भारत के लोग सुंदर ढंग से सजायी गयी प्रतिमा पर फूल, माला, दीपक और मोमबत्ती जलाकर और साहित्य की भेंट करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु सहित कुछ लोग कई पवित्र गीत भी गाते हैं। उनके बेटे की पत्नी (पुत्र-वधू) मीरा ताई अम्बेडकर द्वारा 5 दिसंबर को आधी रात को समता सैनिक दल सलाम लिया जाता है। सलामी देने के बाद, उनकी शिक्षाओं को सस्वर पढ़ा जाता है और फिर स्तूप फाटक सभी के लिए खोल दिया जाता है। डॉ.भीमराव आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष देश के प्रति बाबा साहब के महान योगदान को मनाने के लिए नगर निगम और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघ द्वारा एक समारोह का आयोजन करके मनाया जाता है।
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