दो दिवसीय दौरे पर आज सीएम योगी काशी पहुंचे। इसी दौरान कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक में उपस्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के कार्यकारी अधिकारी एस एन द्विवेदी ने सीएम योगी काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर बातचीत की। काशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास हो रहे निर्माण के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि कार्य प्रगति पर है सभी कार्य दिसंबर 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा।

काशी में होंगी पेयजल की विशेष व्यवस्था

इस दौरान एसएन द्विवेदी ने कहा कि प्रदेश के जो दर्शनार्थी काशी विश्वनाथ के दर्शन करने आते थे। उनको मैदागिन और गोदौलिया तक लाइन लगाना पड़ता था। लेकिन अब उनको इस समस्या से जल्द ही निजात मिल जाएगी। काशी विश्वनाथ मंदिर के दोनों तरफ से दो- दो हजार वर्ग मीटर की खाली जगह बनाये जा रहे है। यह खाली जगह सृजित कर उसके ऊपर शेड बनाए जाएंगे और उसमें यूरिनल सौर पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। ताकि आने वाले सैलानियों औऱ श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का समाना न करने पड़े।

द्विवेदी ने बताया काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट ने भविष्य में कुछ धर्मशालाएं बनाने का प्लान किया है। आने वाले एक या दो साल में ये धर्मशालाएं चलने भी लगेंगे। एक अतिथि गृह बना है जिसका टेंडर भी हो गया है। लेकिन उसका कीमत ज्यादा होने के वजह से वह जनमानस के लिए शुलभ नहीं है।  इस दौरान इस का किराया ढाई हजार फिक्स किया गया है और वातानुकूलित रूम है। जो धर्मशाला भविष्य में प्रस्तावित है। उसमें ₹10 से लेकर ₹50 तक के कमरों का शुल्क लिया जाएगा और दर्शनार्थियों को रहने की सुविधा उपलब्ध होगी।

शिवलिंग पर दूध चढ़ाने को बताया गलत : एसएन द्विवेदी

वही काशी विश्वनाथ को चढ़ाए जाने वाले दूध और प्रसाद की क्वालिटी को लेकर कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि ट्रस्ट के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है की उनकी जांच करें यह अधिकार जिला प्रशासन और सीएमओ को है वह इन की क्वालिटी की समय-समय पर जांच कराएं जब काशी विश्वनाथ न्यास बोर्ड की दुकानें हो जाएंगी तब वह उनके साथ एग्रीमेंट करेंगे कि अगर वह क्वालिटी मंथ मेंटेन नहीं करेंगे तो उन्हें दंडित भी किया जाएगा राष्ट्र भवन निर्माण तभी कर पाएगा जब ट्रस्ट के पास जगह उपलब्ध हो।

एस एन द्विवेदी की माने है कि पवित्र शिवलिंग को जो दूध चढ़ाया जाता है, उससे शिवलिंग को नुकसान होता है, यह आस्था के साथ खिलवाड़ है। वह हिंदू है जो ऐसा काम कर रहे है और नहीं सोच रहे हैं। इस पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि इससे पवित्र शिवलिंग क्षतिग्रस्त हो रहा है ।

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