मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुँच चुके हैं. वहां एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने शिक्षा की गुणवत्ता पर बात की. इसके साथ ही स्किल डेवलेपमेंट को बढ़ाने पर भी जोर दिया.
आज प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ पीएम मोदी के अगुवाई के लिए संत कबीर नगर पहुंचे थे, जहाँ कबीर की समाधि और मजार के दर्शन के बाद सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ जनसभा में हिस्सेदारी दर्ज करवाई थी. वहीं अब सीएम योगी गोरखपुर पहुंचे हैं. सीएम योगी ने इस दौरान कहा कि
सीएम योगी के सम्बोधन की ख़ास बातें:
-सवा वर्ष से मैं महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को बहुत कम समय दे पाया हूँ, परिषद के साथ जुड़े लोगों को धन्यवाद देता हूँ.
-स्थापना करने वाले गुरुजनों की आत्मा आज ऊपर से ज्ञान के यज्ञ को आगे बढ़ते देखकर प्रसन्न हो रही होगी.
-आज की सबसे बड़ी आवश्यकता गुणवत्ता युक्त शिक्षा है.
-आज नकल विहीन परीक्षा के बाद भी बेहतर परिणाम आये.
-परीक्षा छोड़ने वाले नकल माफियाओं ने नकल न करने की दशा में परीक्षा छोड़ी.
-बहुत से निजी शिक्षण संस्थाओं ने अच्छा कार्य किया है.
-गुरु जी कहते थे कि शिक्षण संस्थाएं धर्मार्थ भाव से खोलें.
-नए नए क्षेत्रों में कार्य करके एक नई दिशा युवाओं को दे सकते है।
-युवाओं की क्षमता का लाभ संस्थाओ को लेना होगा.
स्किल डेवलपमेंट पर की बात:
-प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट के विशेष कार्यक्रम प्रारंभ हुए.
-प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट के एक नए केंद्र को स्थापित करने में सफलता प्राप्त की.
-हम लोगों ने विभिन्न संस्थाओं में विभिन्न उद्योगों में रोजगार से जोड़ने का कार्य किया.
-हमारे महाविद्यालय सामान्य पाठ्यक्रम को चलाते हैं, डिग्री देने के पाठ्यक्रम को चलाते हैं.
-लेकिन रोजगार परक कोर्स के साथ जोड़ने का कार्य नहीं करते. जिससे छात्र आगे बढ़ सके.
-सामान्य रूप से बच्चे वहां की प्रयोगशाला में जा कर के उस का अभ्यास करते होंगे.
-वहां पर कोई ऐसा अन्य कार्यक्रम जो राज्य सरकार या भारत की सरकार के किसी एक मिशन का हिस्सा हो तो उस संस्थान का भी उपयोग होगा.
-उसकी आय में वृद्धि होगी और साथ-साथ शासन के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए एक केंद्र भी मिल जाएगा.
-कहीं कोई दुर्घटना देखते होंगे, दुर्घटना घटित होने के बाद पूरा समाज तमाशबीन बना रहता है
-ऐसी चीजों को पाठ्यक्रम का हिसा बना ले तो आपदा के समय हमारे संस्थाएं वहां पर डिजास्टर मैनेजमेंट के किसी पाठ्यक्रम के साथ पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के साथ आमजन की सेवा में अपना योगदान दे सकते हैं.