पूरे देश में आज 15 दिसंबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 67वीं पुण्यतिथि मनाई गई। लौह पुरुष के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने ट्वीट कर उन्हें याद किया तो उनकी प्रतिमा पर भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये। राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित पटेल प्रतिमा पर लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान तमाम नेतागण और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भारत को एक सूत्र में पिरोने का सरदार पटेल ने किया काम

  • बता दें कि सरदार पटेल का जन्म जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था।
  • उनके पिता झावेरभाई किसान थे और मां लाडबाई साधारण महिला थी।
  • सरदार वल्लभ की प्रारंभिक शिक्षा करमसद में हुई।
  • वल्लभाई पटेल का विवाह झबेरबा से हुआ।
  • सरदार पटेल को उनके बड़े भाई ने बैरिस्टरी पढ़ने के लिए भेजा।
  • वहां से वे 1913 में भारत लौटे और फिर अहमदाबाद में उन्होंने वकालत करना शुरू किया।
  • उसके बाद महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।
  • स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी और भारत की आज़ादी के बाद वो देश के प्रथम गृह मंत्री व उप प्रधानमंत्री बने थे।
  • बारदौली कस्बे में ज़ोरदार व सशक्त सत्याग्रह करने के बाद उन्हें सरदार कहा जाने लगा और इस तरह वो सरदार पटेल बनें।
  • आज़ादी के बाद विभिन्न रियासतों में बनते भारत को एक सूत्र में पिरोने का काम भी सरदार पटेल ने बखूबी किया और उसके बाद ही उन्हें लौह पुरुष भी कहा जाने लगा।
  • उनका देहांत 15 दिसम्बर 1950 को हो गया था।
  • हम महान सरदार पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हैं।
  • भारत का हर एक नागरिक देश के प्रति किए गए सरदार पटेल के महान कार्यों के लिए उनका ऋणी है।


UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें