हर सिक्के के दो पहलू होते हैं। गोरखपुर के (japanese encephalitis) बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत को लेकर लापरवाही से सम्बन्धित कई तथ्य सामने पेश किये गये। सरकार की ओर से जारी पुराने आंकड़ों की निंदा भी की गई।
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- मगर क्या आप जानते हैं कि जिन योगी आदित्यनाथ की सरकार को इसके लिए जिम्मेदार कहा जा रहा ही जो काफी हद तक सही भी है।
- उन्हीं योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर को इंसेफेलाइटिस से मुक्त कराने के लिए कई कदम उठाये हैं।
- फिर भी उनकी कोशिशें अभी सफल नहीं हो सकी हैं।
- इसीलिए रविवार को इन मौतों पर जब योगी मीडिया से मुखतिब हो रहे थे तब वे भावुक हो गये थे।
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आइये जानें इससे सम्बन्धित कुछ तथ्य…
- इंसेफेलाइटिस के इतिहास के पन्नों को पलटा जाये तो 1978 में जब इस बीमारी की पहली बार पहचान हुई थी।
- तो उस समय किसी ने इस बीमारी को लेकर किसी भी प्रकार की गंभीरता नहीं दिखाई थी।
उस समय इस त्रासदी को (japanese encephalitis) सहना ही इसका रोकथाम माना जाता था। - ना जाने कितने लोग इस बीमारी को झेलते-झेलते मर गए और कितने विकलांग हो गए।
- 1978 से चला आ रहा कहर अब पूरे पूर्वांचल में फैलने लगा था।
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- मगर इसे लेकर कोई भी सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा है।
- आलम यह था कि पूर्वांचल के जिलों में ये बीमारी एक त्रासदी बन चुकी थी।
- वर्ष 1998 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और वर्तमान में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए लोकसभा में गुहार लगाई थी।
- जी हाँ, 70 के दशक में शुरू हुए इंसेफेलाइटिस रोग के मुद्दे को 1998 में पहली बार संसद में उठाने वाले योगी आदित्यनाथ अब सूबे के सीएम हैं।
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- हालाँकि अब भी योगी का प्रयास सफलता का रुख नहीं अपना पाया है।
- ये सवाल इसलिए क्योंकि इस वर्ष इंसेफेलाइटिस से मृत्यु दर पिछले साल से सवा 4 फीसदी बढ़ा है।
- 2017 में इंसेफेलाइटिस से हुई मौतों का मृत्यु दर 31.49 फीसदी है जबकि 2016 में मृत्युदर 26.16 थी।
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- सीएम योगी आदित्यनाथ ने इंसेफेलाइटिस को जड़ से मिटाने के लिए विगत 25 मई को टीकाकरण अभियान चलाया है।
- बता दें कि गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्घार्थनगर, संत कबीरनगर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और गोंडा में हर साल (japanese encephalitis) इस बीमारी के कारण सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.