उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रामनगरी अयोध्या में नेपाल के जनकपुर से आए बसों के बेड़े की अगवानी की। आज नेपाल-भारत मैत्री बस सेवा अयोध्या पहुंची। इस अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया.
जनकपुर से पहुंची बस के स्वागत समारोह में किया सम्बोधन:
भारत नेपाल के बीच के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में जनकपुर से अयोध्या के लिए शुरू की गयी बस सेवा को हरी झंडी दिखा कर पीएम मोदी ने कल नेपाल के जनकपुर से रवाना किया था. जिसका आज सीएम योगी ने अयोध्या में स्वागत किया.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वहां से आए यात्रियों का भी स्वागत किया। इस दौरान वहां एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई है. जिसमें बड़ी संख्या में लगी रामायण से सम्बंधित झांकियों ने सभी का मन मोह लिया.
समारोह में आये लोगों को सीएम योगी ने सम्बोधित कर इस मौके पर अपनी ख़ुशी भी जाहिर की.
भारत-नेपाल सम्बन्धों पर की चर्चा:
सीएम योगी ने कहा, “भारत-नेपाल के संबंधों को माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने नया आयाम दिया है. बस सेवा के माध्यम से पुरानी सांझी परंपरा को आगे बढ़ाने का प्रयास माननीय प्रधानमंत्री जी ने किया है.”
उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि सांस्कृतिक संबंधों की एक नई कड़ी आज से शुरू हो रही है. अयोध्या-जनकपुरधाम के लिए बस सेवा शुरू होना दोनों राष्ट्रों के संबंधों को और मजबूत करेगा.”
इस साथ ही उन्होंने बताया कि काठमांडू को काशी और जनकपुर को अयोध्या से सड़क मार्ग से जोड़ने से न सिर्फ सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे बल्कि विकास की यात्रा भी आरंभ होगी.
इतिहास से जुड़ा है अयोध्या-जनकपुर के रिश्ते:
इतिहास से जोड़कर सीएम ने कहा, “अयोध्या और जनकपुर हजारों वर्ष पूर्व जुड़े थे. अयोध्या और जनकपुर के संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए दोनों शहरों को बस सेवा से जोड़ा जाए, यह प्रयास माननीय प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुआ और फलीभूत भी हुआ.”
सीएम ने बताया, “पिछले वर्ष अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ कार्यक्रम के दौरान 133 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया गया था. भारत सरकार ने राम-जानकी मार्ग को पूर्ण करने का जिम्मा भी लिया है. मार्ग बन जाने पर जनकपुर से अयोध्या पहुंचने में 10 से 12 घंटे की जगह मात्र 6 से 7 घंटे ही लगेंगे.”
भाजपा सरकार की योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन प्रसाद व रामायण सर्किट जैसी योजनाओं को आरंभ किया गया.
इसी उदृेश्य को पूर्ण करने के लिए अयोध्या, नंदीग्राम, श्रंगवेरपुर, चित्रकूट व श्रीलंका को जोड़ा जा रहा है. जनकपुर का भी अयोध्या से जुड़ना, इसी कड़ी का हिस्सा है.
इसके बाद उन्होंने कहा, “अयोध्या में सरयू स्नान का भी महत्व है. इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिदिन शाम को सरयू की आरती के कार्यक्रम को सरकार ने आरंभ किया है. वर्षों से रुकी रामलीला के मंचन की परंपरा को भी फिर से शुरू किया गया.”