उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला सहित आसपास के तराई क्षेत्र के जिलों में फैले संक्रमण रोगों जैसे बर्थ एस्फिकसिया, मेनिनजाइटिस, एनीमिया, सेप्टीसीमिया, एईएस, पन्यूमोनिया, हेपटाइटिस, एजीई, रेनाल फेलियर जैसे रोग से ग्रसित 2155 रोगियों को पिछले 16 सितम्बर तक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिनमे संक्रमण के प्रकोप ने 71 से बच्चों की ज़िन्दगियों को लील कर कई मांओं की गोदें सूनी कर दी है तो वहीं दूसरी ओर सैकड़ों के इस घातक बीमारी की चपेट में आने की खबर है जिनका उपचार चल रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन ज़्यादा संसाधन न होने का रोना रो रहा है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सत्तासुख के आगे आम जनता का दर्दनहीं जानते जनप्रतिनिधि[/penci_blockquote]
बुखार, सिरदर्द, गर्दन में जकड़न, कमजोरी और उल्टी होना इन घातक बीमारियों के शुरुआती लक्षण हैं। कहने को तो जिला दो-दो मंत्रियों वाला है लेकिन जनता का मत हासिल करने के बाद शायद सत्तासुख के आगे आम जनता का दर्द इन जनप्रतिनिधियों को नहीं दिखता। तभी तो जिले में लगातार हो रही मौतों से भले ही मीडिया खबरों से प्रदेश भर में हड़कम्प मच गया हो लेकिन जिले से दो-दो मंत्री होने के बावजूद भी जिला अस्पताल की स्थिति दैनिये ही है जिसका खामियाजा आम जनता को अपनी जाने गवां कर भुगतना पड़ रहा है। आम तौर पर चुनावी भाषणों में जनप्रतिनिधी बेहतर स्वास्थ्य और बेहतर सड़के मुहैय्या कराने का दम्भ भरते देखे जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद शायद इन जनप्रतिनिधियों को न तो अपने वादे याद रह जाते हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मुख्यमंत्री योगी निरीक्षण करने आएंगे आज[/penci_blockquote]
और न ही उन्हें आम जनता के हितों से रह जाता है कोई सरोकार। जिले में मुख्यमंत्री योगी का दौरा प्रस्तावित है जिसकी तैयारियों में जिला प्रशासन दिन रात जुटा है। जिला अस्पताल में भी रंगरोगन से लेकर बैनर पोस्टर सब लगाए जा थे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि दिन-प्रतिदिन हो रही इन मौतों का जिला अस्पताल प्रशासन मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान अपनी जवाबदेही क्या सुनिश्चित करेगा। सूबे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण बीमारियों के प्रकोपों से पीड़ितों को बचाने के लिये बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के वादे किये हैं। ऐसे में जिले में फैली इन प्राणघातक बीमारियों ने अब विक्राल रूप धारण करना शुरू कर दिया है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]47 दिनों में 71 से ज़्यादा बच्चों की मौत[/penci_blockquote]
जिला अस्पताल में पिछले 47 दिनों में 71 से ज़्यादा बच्चों की मौत की सूचना है। यानी इस औसत से अगर देखा जाये तो अकेले इस जिले में प्रतिदिन लगभग दो जिंदगियां जिले में फैले संक्रमण के कारण काल के गाल में समा रहे हैं। ताज़ा आंकड़ों की माने तो मौजूदा समय मे सैकड़ों लोगों को इस संक्रमण ने जकड़ रखा है जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। लगातार मीडिया इस खबर को उजागर कर रहा था जिसके बाद आज मजबूर होकर राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने अचानक जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान चिल्ड्रेन वार्ड में पहुंची मंत्री जी ने बच्चों के माता-पिता व तीमारदारों से बात की वहीं उन्होंने अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]खामियों के चलते गिरी जिला चिकित्सा अधिकारी पर गाज[/penci_blockquote]
वहीं दूसरी ओर लगातार हो रही मौतों और अस्पताल में खामियों के चलते जिला चिकित्सा अधिकारी पर गाज गिर ही गयी। बहराइच सीएमएस ओम प्रकाश पाण्डेय का स्थानांतरण वरिष्ठ परामर्शदाता जिला संयुक्त चिकित्सालय सिद्धार्थनगर कर दिया गया। वहीं वरिष्ठ परामर्शदाता जिला चिकित्सालय बहराइच में ही तैनात दिनेश कुमार सिंह को बहराइच सीएमएस की कमान सौंपी गयी है। अब देखना यह है कि कमान संभालने के बाद नवागन्तुक सीएमएस डॉ. डीके सिंह जिला अस्पताल की बदहाल व्यव्यस्था को बदल पाने में कितने सक्षम साबित हो पाते हैं हालांकि डॉ, डीके सिंह इससे पहले भी बहराइच मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की कमान सम्भाल चुके हैं।
रिपोर्टर- मो. आमिर
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