चुनाव की तिथियाँ घोषित होने के बाद प्रदेश भर में आचार संहिता लागू कर दी गई है। वैसे तो उत्तर प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद पुलिस प्रशासन ने प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर तत्काल हटाने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन क्या बैनर पोस्टर हटाने से ही आचार संहिता का पालन हो जाता है। बता दें कि कुछ जिलों में आचार संहिता की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। ताज़ा मामला शाहजहांपुर का है जहाँ एक राशन वितरण कोटे की दुकान पर अखिलेश यादव के फोटो लगे प्लास्टिक के रैपर लगा कर किताबो से वितरण किया जा रहा है। इसके बावजूद प्रशासन का ध्यान इस ओर नही गया है। जिससे साफ़ पता चल रहा है कि प्रदेश में किस तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है।
एडीएम ने जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन
- शाहजहांपुर में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का यह मामला सदर बाजार थाना क्षेत्र के झंडा कलां मोहल्ले का है।
- इस मोहल्ले में अर्चना मिश्रा की कोटे की दुकान है।
- जहाँ राशन वितरण का सिलसिला सुबह से ही जारी है।
- लेकिन जो लोग राशन लेने आ रहे हैं उनके राशन कार्ड पर अभी भी यूपी के मुख्यमंत्री का फोटो लगा है।
- गौरतलब हो कि किताब पर मुख्यमंत्री का कोई फोटो नहीं लगा है लेकिन उस राशन कार्ड के उपर लगे प्लास्टिक के रैपर पर अखिलेश यादव का फोटो लगा रखा है।
- जिससे अखिलेश यादव का प्रचार प्रसार हो सके।
- लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने के बाद इस तरह के फोटो लगना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होता है।
- बता दें कि सीएम का फोटो लगे राशन कार्ड कि किताब को लेकर आए जतिन का कहना है कि ये सिर्फ पार्टी और अखिलेश यादव का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
- जबकि इसकी कोई जरूरत नही है कि मुख्यमंत्री का फोटो किताब पर लगया जाए जबकि यूपी में चुनाव नजदीक है और चुनाव आचार संहिता लगी हुई है।
- उसके बावजूद इस तरह से फोटो किताब पर लगे हैं और राशन धड़ल्ले से वितरण हो रहा है।
- इसमे सबसे बङी लापरवाही प्रशासन की है उसे इसे रोकना चाहिए।
- एडीएम ई जितेंद्र शर्मा ने बताया कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह से प्रचार प्रसार पर रोक है।
- इस तरह का मामला मेरे संज्ञान में आया है इसकी गंभीरता से जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
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