उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में सोमवार 6 फरवरी को नेता जी सुबास चंद्र बोस के चालक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले कर्नल निज़ामुद्दीन ने अपने आवास पर अपनी अंतिम सांस ली. बता दें कि कर्नल निज़ामुद्दीन ने आज़ादी की जंग में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के वाहन चालक और सुरक्षा प्रहरी की भूमिका निभाई थी. कर्नल निज़ामुद्दीन के निधन पर आजमगढ़ डीएम सुहास एलवाई ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है.
कर्नल निज़ामुद्दीन ने दिये की तरह रास्ता दिखाया –
- देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बेहद करीबी उनके वाहन चालक और सुरक्षा प्रहरी कर्नल निजामुद्दीन का आज सुबह आजमगढ़ में निधन हो गया.
- कर्नल निज़ामुद्दीन के निधन पर आजमगढ़ डीएम सुहास एलवाई ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है.
- सुहास एलवाई ने कहा कि कर्नल निजामुद्दीन ने दिए की तरह रास्ता दिखाया है.
- उन्होंने ये भी कहा कि कर्नल निजामुद्दीन युवाओं के लिए आदर्श हैं.
https://www.youtube.com/watch?v=KKNVscXBrQo&feature=youtu.be
कर्नल निज़ामुद्दीन के बारे में कुछ ख़ास बातें –
- कर्नल निजामुद्दीन का जन्म साल 1901 में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मुबारकपुर इलाके ढ़कवा गांव में हुआ था.
- निजामुद्दीन के मुताबिक उनके पिता इमाम अली सिंगापुर में कैंटीन चलाते थे.
- कर्नल निजामुद्दीन 24-25 साल की उम्र में गांव से भागकर पिता के पास सिंगापुर चले गए थे.
- उए वही दौर था जब नेता जी सुभाष चंद्र बोस सिंगापुर में आजाद हिंद फौज के लिए युवाओं की भर्ती करने में लगे हुए थे.
- इसी दौरान निजामुद्दीन ने भी सुभाष चंद्र बोस से मुलाकात की और उनके साथ रहने लगे.
- नेता जी ने निजामुद्दीन का चयन अपने निजी सुरक्षा गार्ड और वाहन चालक के रूप में किया और उन्हें कर्नल की उपाधि भी दी.
- बता दें कि निजामुद्दीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ दस साल रहे.
- इस दौरान कर्नल निजामुद्दीन ने नेताजी के साथ जापान, वियतनाम, थाईलैंड, कंबोडिया आदि देशों की यात्रा भी की.
- निजामुद्दीन के अनुसार अंग्रेज़ हमेशा नेताजी की ताक में लगे रहते थे इसलिए वह ज्यादातर समुद्री यात्रा करते थे.
- बता दें कि कर्नल निजामुद्दीन का नाम दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के नामों में भी शुमार था.
- गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी पर आये पीएम मोदी के मंच से उन्हें सम्मानित भी किया गया था.
- उस दौरान पीएम मोदी ने कर्नल निजामुद्दीन के पों छु कर उनका आशीर्वाद भी लिया था.
- बता दें कि निज़ामुद्दीन के तीन बेटे और दो बेटीया है.
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Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....