राजधानी के बख्शी का तालाब (बीकेटी) के चक पृथ्वीपुर गांव में सोमवार को शीतकालीन विश्राम के दौरान लगने वाली चौपाल हंगामे और नोकझोंक के बीच एक घंटे में ही खत्म हो गई। चौपाल के दौरान ग्रामीणों ने प्रधान व अधिकारियों पर कई आरोप लगाए। इसके बाद प्रधान समर्थकों ने ग्रामीणों को शांत करवाने के लिए हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को स्थिति पर काबू करना पड़ा। बवाल के कारण एसडीएम व अन्य अधिकारी गांव से जल्दी चले गए। बीकेटी एसडीएम निधि गुप्ता वत्स की अध्यक्षता में शाम पांच बजे से शीतकालीन चौपाल की शुरुआत हुई थी। इस मौके पर तहसीलदार, बीडीओ, खंड शिक्षा अधिकारी सहित सभी विभागों के तहसील स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

ग्रामीणों ने प्रधान व अधिकारियों पर लगाया घोटाले का आरोप

चौपाल में एसडीएम निधि गुप्ता ने ग्रामीणों से संवाद शुरू किया। उन्होंने ग्रामीणों से पूछा कि आपको योजनाओं का लाभ मिल रहा है कि नहीं गांव के रामऔतार ने खड़े होकर उन्हें बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के आने की सूचना पर सोमवार को सुबह से ही सफाई कराई जाने लगी। इससे पहले तो महीनों सफाईकर्मी दिखते ही नहीं थे। राम औतार ने आरोप लगाया कि पिछले साल चारागाह की जमीन पर ब्लॉक के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा प्रधान कि मिलीभगत से 16 लाख रुपये के पेड़ सिर्फ कागजों पर ही लगा दिए गए। मौका मुआयना किया जाए तो पेड़ वहां मिलेंगे ही नहीं। इस आरोप पर प्रधान समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रधान समर्थकों और ग्रामीणों में एसडीएम के सामने ही तीखी नोकझोंक होने लगी। नौबत धक्कामुक्की तक आ गई। करीब बीस मिनट के प्रयास के बाद पुलिस ने लोगों को शांत करवाया।

पीड़ितों की पेंशन का कोई और ले रहा लाभ

गांव की बुजुर्ग सत्यवती ने आरोप लगाया कि उनकी जमीन पर गांव के ही कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। कई बार तहसील दिवस और संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाई। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। गांव की निराश्रित महिला जमीला बानो ने बताया कि एक साल से उनकी पेंशन बंद है। जबकि उन्हें पता चला कि उनकी पेंशन जारी हो रही है। जमीला ने आरोप लगाया कि उनकी पेंशन कोई और ले रहा है। उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की है। वहीं गांव की राजरानी ने भी एक वर्ष से पेंशन न मिलने की शिकायत की है। इस पर एसडीएम ने मौके पर ही सचिव को लेखपाल को फटकार लगाई। खराब पड़े नलकूपों की की गई शिकायत नलकूप 273 नंबर 1 वर्ष से खराब है किसान परेशान हैं, क्षेत्र में सिंचाई नहीं हो पा रही है। इस पर एसडीएम ने 3 दिन में बनवाने का आश्वासन दिया। एसडीएम ने कागजों पर बने खड़ंजे और नालियों की जांच कर 3 दिन में कागज पेश करने की बात कही।

सालों से ख़राब नलकूप ठीक नहीं हो रहे

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चक पृथ्वीपुर का नलकूप कई वर्षों से खराब है। इसके चलते किसानों को पानी की समस्या हो रही है। कई बार शिकायत के बाद भी नलकूप सही नहीं करवाया गया। ग्रामीणों ने बताया कि अर्जुनपुर गांव से चक पृथ्वीपुर जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है। सभी ग्रामीणों को काफी दूर घूम कर गांव आना पड़ता है। ग्रामीणों ने ट्रांसफॉर्मर कई दिनों से खराब होने की शिकायत भी की। उधर, गांव की करीब 25 महिलाएं कम्बल मिलने की आस में चौपाल में आईं थीं। गांव की महिलाओं ने बताया कि वे चार बजे से कम्बल के इंतजार में बैंठी थीं। पर अधिकारी बिना कम्बल बांटे चले गए। उधर, निगोहां में भी प्रशासन ने चौपाल लगाकर भूमि विवाद के मामले निपटाए। इसमें प्रधान सरला देवी ने गांव में शमशान के लिए जमीन की मांग की है।

सम्पूर्ण समाधान दिवस पर डीएम सुनेंगे समस्याएं

बीकेटी तहसील में सम्पूर्ण समाधान दिवस पर डीएम ने मंगलवार को लोगों की समस्याएं सुनी। सुबह 10 बजे से समाधान दिवस शुरू हुआ। अन्य चारों तहसीलों पर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर एडीएम स्तर के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य विकास अधिकारी व अन्य विभागों के अधिकारियों को बीकेटी तहसील पर बुलाया गया। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उनकी ओर से करवाए गए कार्यों का ब्योरा साथ लेकर तहसील दिवस पर आंए। ताकि मौके पर ही उनके कार्यों की समीक्षा की जा सके।

पुलिस प्रशासन से एक भी सिपाही नहीं आया नजर

चौपाल में पुलिस प्रशासन से एक भी सिपाही नजर नहीं आया। शिकायतकर्ता निराश होकर हुए वापस लौट गए। ग्राम पंचायत अर्जुनपुर अंतर्गत हुए विकास कार्यों की हुई जांच कुछ विकास का कार्य मात्र कागजों पर ग्रामीणों में प्रधान के प्रति लोगों में रोष देखने को मिला। उप जिलाधिकारी निधि गुप्ता ने चौपाल लगाकर जनसुनवाई की मौके पर सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। जनसुनवाई के चलते कुछ ग्रामीणों ने आपस में झगड़ा करना चालू कर दिया। विकास कार्य न होने पर नाराज ग्रामीण प्रधान को गालियां देने लगे।

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