अखिलेश यादव ने 12 फ़रवरी 2016 को तीन लाख छियालीस हजार नौ सौ पैंतीस करोड़ रुपये (3,46,935 करोड़ रुपये) का बजट पेश किया था. इस बजट के अलावा अखिलेश यादव ने नयी समाजवादी योजनाओं को शामिल करने को लेकर भी सदन में घोषणा की थी. वार्षिक बजट के तौर पर अखिलेश सरकार के कार्यकाल का ये आखिरी बजट था. इसके बाद अनुपूरक बजट पेश किया गया था.
वित्त-वर्ष 2016 -17 के बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए काफी कुछ था. यानी अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के अंतिम वित्त वर्ष में एक बड़ा बजट पेश किया था. इस बजट की खास बात है कि सरकार इस बजट से बचत का दावा भी कर रही है. जबकि अखिलेश सरकार का बजट घाटे में पेश होता रहा. 2017-18 में 12 हज़ार 278 करोड़ की बचत का अनुमान योगी सरकार को है.
वहीँ आज योगी ने पहला बजट पेश किया. ये बजट 3 लाख 84 हज़ार 659 करोड़ का है. लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण अदायगी के लिए 36,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई.
तुलनात्मक विश्लेषण:
अखिलेश यादव सरकार: कृषि, सिचांई, ग्रामीण
- वहीँ कृषि की बात करें तो बकाया चुकता करने को लेकर भी थोड़ी राहत देने की कोशिश जरूर थी.
- गन्ना किसानों का बकाया चुकाने के लिए: 1336 करोड़.
- सुगर मिलों को सड़कों से जोड़ने के लिए: 120 करोड़
- समाजवादी किसान एवं सर्वहित बीमा योजना: 897 करोड़
- राज्य आपदा राहत फंड के: 709 करोड़
- सूखा प्रभावित 50 जिलों के लिए : 2057 करोड़
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: 787 करोड़
- आजमगढ़ और लखीमपुर खीरी में कृषि डिग्री कॉलेज: 28 करोड़
- स्टेट फीडर सैपरेशन स्कीम: 7000 करोड़
- ग्रामीण इलाकों में ट्यूबवेल: 150 करोड़
- ग्रामीण इलाकों में पीने का पानी: 500 करोड़
- पीने का पानी : 200 करोड़
- बुंदेलखंड को स्पेशल पैकेज के तहत बजट राशि बढ़ाई गई थी.
- स्पेशल स्कीम फंड: 200 करोड़
- स्पेशल स्कीम: 338 करोड़
- ऑयल सीड प्लांट 15 करोड़
योगी सरकार:
- किसान बीमा योजना को 692 करोड़,
- गन्ना किसानों के लिए 250 करोड़.
- वैकल्पिक ऊर्जा प्रबंधन के लिए 125 करोड़.
- कानपुर, फैजाबाद, मेरठ, बांदा, इलाहाबाद में फसलों पर शोध के लिए 10 करोड़
- चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 273 करोड़ 75 लाख
- बंद पड़ी मुड़ेरवा चीनी मिल के स्थान पर नए प्लांट के विस्तार और स्थापना के लिए 270 करोड़.
- किसान समृद्धि योजना के लिए 10 करोड़ का बजट,
- वर्मी कम्पोस्ट खाद के लिए 19 करोड़ 56 लाख का बजट,
- सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर के लिए 10 करोड़ 41 लाख का बजट.
- लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए संकर शाकभाजी उत्पादन एवं प्रबंधन के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना’ के तहत कांजी हाउस/पशु शेल्टर होम्स की स्थापना के लिए 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
- को-जनरेशन प्लांट की स्थापना के लिए 270 करोड़ रुपये की व्यवस्था.
अखिलेश सरकार: सड़कें-पुल
- सड़कों और पुलों के निर्माण :4721 करोड़ .
- राज्य में हाइवे: 541 करोड़
- सड़कों की मरम्मत: 3205 करोड़
- नदियों पर पुल: 1180 करोड़
- भारत-नेपाल बॉर्डर के पास सड़क: 250 करोड़
योगी सरकार:
- यूपी सड़क विकास निगम के लिए 50 करोड़,
- बुलंदलखंड-दिल्ली एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा,
- नोएडा में मेट्रो रेल का विस्तार होगा,
- कालिंदी कुंज से बॉटनिकल गार्ड तक मेट्रो,
- दीनदयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए 30 करोड़
- संपर्क मार्ग के लिए 451 करोड़.
- प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़.
- सड़क चौड़ीकरण के लिए 598 करोड़
- उत्तर प्रदेश को गड्ढा मुक्त करने के लिए 3 हज़ार 972 करोड़ प्रस्तावित
- अर्ध कुम्भ मेले के लिए 500 करोड़,
- नेपाल की सीमा से जुड़े प्रदेश के 07 जनपदों में निर्मित किए जाने वाले मार्गों के लिए 251 करोड़ 67 लाख रुपये की व्यवस्था।
अखिलेश सरकार: शहरी व ग्रामीण विकास
- वहीँ अखिलेश यादव ने स्वच्छ मिशन के लिए बजट का प्रावधान रखा था.
- स्वच्छ भारत मिशन: 600 करोड़
- AMRUT स्कीम: 700 करोड़
- आदर्श नगर योजना : 200 करोड़
- शहरों में पीने का पानी: 335 करोड़.
- संगम के पास एलिवेटेड रोड/फ्लाईओवर: 250 करोड़
- हाउसिंग और शहरी योजना
- यूपी में अथॉरिटी के विकास के लिए: 400 करोड़
- जेपी इंटरनेशनल सेंटर: 300 करोड़ रुपये.
- जनेश्वर पार्क: 150 करोड़ रुपये.
- शान-ए-अवध कॉम्प्लेक्स:100 करोड़ रुपये.
- लखनऊ मेट्रो: 814 करोड़ रुपये.
- लघु उद्योग क्षेत्र में समाजवादी युवा स्वरोजगार योजना की शुरुआत को भी मंजूरी दी गई थी.
योगी सरकार:
- स्वच्छ भारत अभियान के लिए 3255 करोड़
- अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं के छात्रवृत्ति लिए 941.83 करोड़
- प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण 674.30 करोड़ की व्यवस्था
- पूर्वांचल, बुंदेलखंड स्वच्छ पेयजल के लिए 2800 करोड़
- मेट्रो योजना के लिए 288 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गयी है.
- पूर्वांचल की विशेष योजना के लिए 300 करोड़.
- बुंदेलखंड के लिए 200 करोड़ की अवस्थापना विकास की नई योजनायें.
- बुंदेलखंड में शहरी आवास के लिए 3000 करोड़ रुपये,
- रामायण, बौद्ध और कृष्ण सर्किट के लिए 1240 करोड़
- ग्रामीण इलाकों में शौचालय के लिए 3255 करोड़,
- अमृत योजना को 2000 करोड़,
- मलिन बस्ती विकास योजना के लिए 385 करोड़
- स्मार्ट सिटी को 1 हजार 500 करोड़.