सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने बाद भी इन दोनों पार्टियों में एकमत दिखाई नहीं पड़ रहा है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी के हाथ तो मिल गए है, लेकिन उनके दिल मिले या नहीं इस बात का दावा स्पष्ट रूप से नहीं हो पा रहा है। क्योंकि पार्टी के शीर्ष नेताओं और प्रत्याशियों के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है। यह टकराव सीटों के बटवारे को लेकर है। अमेठी और रायबरेली ही नहीं लखनऊ की सीटों पर भी पार्टी नेता एकमत नहीं है। ऐसे में ये गठबंधन सीटों के बटवारे की भेट चढ़ता दिखाई पड़ रहा है।
अमेठी-रायबरेली से लखनऊ पहुंची गठबंधन में सीटों की मारमारी
- सपा-कांग्रेस में अमेठी और रायबरेली की सीटों पर खिचतान अभी खत्म नहीं हुई थी,
- दूसरी तरफ लखनऊ की सीटों को लेकर एक नया बवाल शुरू हो गया है।
- अब सपा-कांग्रेस के लिए लखनऊ मध्य की सीट सर दर्द बन गई है।
- इस सीट पर दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर दिया है।
- लखनऊ मध्य की सीट पर सपा से रविदास मेहरोत्रा अपना दावा ठोक रहे हैं।
- तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी मारुफ खान ने इस सीट पर अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।
- गठबंधन के बाद जाहिर है कि किसी भी सीट पर एक पार्टी का उम्मीदवार ही चुनाव में ऊतर सकता है।
- ऐसे में सपा-कांग्रेस में नेताओं के बीच ये कलह ‘गठबंधन’ के साथ ‘यूपी फतेह’ के सपने को भी डूबा सकती है।
लखनऊ मध्य पर दोनों नेताओं का दावा
- लखनऊ मध्य विधान सभा सीट पर सपा नेता रविदास मेहरोत्रा और कांग्रेस नेता मारुफ खान ने दावा ठोका है।
रविदास मेहरोत्रा
- रविदास मेहरोत्रा का कहना है कि अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने लोगों से मेरे लिए वोट मांगा है।
- इसका सीधा मतलब है कि मैं चुनाव लडूं।
- ऐसे में कांग्रेस नेता मारूफ खान को ही अपना नामांकन वापस लेना होगा।
मारूफ खान
- कांग्रेस नेता ने स्पष्ट रूप से कहा कि नामांकन दाखिल करने के लिए उन्हें पार्टी की तरफ से आदेश मिला है।
- जिसमें कांग्रेस यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और गुलाम नबी आजाद का नाम खुलकर लिया।