2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है। कांग्रेस के भी इस गठबंधन में शामिल होने की खबरें आ रही है। हालाँकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी कांग्रेस को सपा-बसपा के गठबंधन में शामिल करने का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी अब पाला बदलते हुए सपा-बसपा को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस ने कैराना उपचुनाव में एक बड़े राजनैतिक दल के साथ गठबंधन करने का ऐलान किया है।
रालोद से गठबंधन करेगी कांग्रेस :
फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा चुनावों में अकेले लड़ने वाली कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की जमानत भी नहीं बचा पायी थी। इसके बाद से सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस के शामिल होने की खबरें आने लगी थी। मगर कांग्रेस ने भी हार ने मानते हुए कैराना उपचुनाव की पूरी तैयारी कर ली है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद का कहना है कि कैराना में हमारी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत है और यहाँ हम डटकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बसपा से गठबंधन के बाद भी यहाँ जीतना सपा के लिए आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि रालोद से हमारी बात चल रही है और कैराना सीट पर उपचुनाव में हम मिलकर लड़ेंगे।
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जयंत चौधरी होंगे प्रत्याशी :
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने कहा कि समाजवादी पार्टी की ओर से जिस तरह के दावे किए जा रहे हैं, वे बगैर गठबंधन की घोषणा के बेकार हैं। उन्होंने कहा कि पिछली बार सपा ने अपने 4 सीटों पर प्रत्याशी उतारे लेकिन सिर्फ 1 सीट जीत पाई थी जबकि कांग्रेस 3 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। कांग्रेस ने रिकॉर्डतोड़ वोट प्राप्त किए थे। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस कैराना में मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि रालोद से बात होने के बाद जयंत चौधरी को मैदान में उतारा जाएगा। मगर ये स्पष्ट है कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ कैराना उपचुनाव लड़ने जा रही है।