कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को यूपी में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। कांग्रेस ने अपने इस दांव से पीएम मोदी और अमित शाह की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
- यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी के पास मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रूप में युवा चेहरे के साथ पिता मुलायम सिंह का विराट राजनीतिक अनुभव है।
- बहुजन समाज पार्टी चार बार की मुख्यमंत्री मायावती के नाम पर चुनाव लड़ेगी।
- वहीं, कांग्रेस ने भी शीला दीक्षित जैसे अनुभवी चेहरे को यूपी के मैदान में कप्तान बनाकर भेजा है।
- इसके बाद पीएम मोदी के चेहरे के सहारे यूपी के चुनावी महासमर में उतरने की तैयारी कर रही भाजपा की उम्मीदें धराशायी हो गयी हैं।
- भाजपा को अब यूपी के चुनावी मैदान में उतरने से पहले नये सिरे से रणनीति बनानी होगी।
मुलायम और मायावती के सामने नहीं टिक पा रहें भाजपा की दूसरी पंक्ति के नेताः
- दरअसल भाजपा के सामने बड़ी समस्या ये है कि पार्टी यूपी में भाजपा के पास कई बड़े चेहरे होने का दावा कर रही है।
- भाजपा का दावा है कि उसके पास कई ऐसे नेता हैं जो यूपी में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जा सकते है।
- लेकिन अगर जमीनी हकीकत पर गौर करें तो भाजपा के ये चेहरे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती के आगे बौने दिखाई देते हैं।
- कांग्रेस ने भी एक बड़े चेहरे को आगे करके यूपी चुनाव के परिदृश्य को बदलने की कोशिश की है।
- शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं हैं, और यूपी की कन्नौज से लोकसभा सांसद रहते हुए केंद्र सरकार में मंत्री रही हैं।
- ले देकर भाजपा के पास एक ही विकल्प बचता है जो मुलायम सिंह यादव, मायावती और शीला दीक्षित जैसे बड़े चेहरों को टक्कर दे सकता हैं।
- जी हां, कई भाजपा नेता दबी जुबान इस बात को स्वीकार करते हैं कि केवल राजनाथ सिंह ही यूपी में माया, मुलायम का सामना कर सकते हैं।
- लेकिन बड़ी समस्या यह है कि राजनाथ सिंह पहले ही यूपी चुनाव में पार्टी का चेहरा बनने से इंकार कर चुके हैं।
संघ की शरण में पहुंचे शाहः
- यूपी में भाजपा के पुर्नोद्धार के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर से संघ नेताओं के सामने राजनाथ सिंह का राग अलापना शुरू कर दिया है।
- सूत्रों के हवाले से खबर है कि संघ की ओर से दत्तात्रेय होसाबले और सुरेश सोनी राजनाथ सिंह से बात करेंगे।
- संघ राजनाथ सिंह को इस बात के लिए राजी कर रहा है कि भाजपा चुनाव हारे या जीते वो केंद्र सरकार में गृहमंत्री बने रहेंगे।
- अब देखना अहम होगा कि भाजपा को इस संकट से उबारने के लिए राजनाथ सिंह पार्टी क्या फैसला करते हैं।
- बरहाल, राजनाथ सिंह के इशारे के बाद ही पार्टी यूपी चुनाव पर कोई फैसला लेगी और चुनाव में आगे दिखने का प्रयास करेगी।